Saturday, November 1, 2025
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दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, मे सरदार वल्लभभाई पटेल की 150 वीं जयंती समारोह

दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ द्वारा लौह पुरुष, भारत रत्न, सरदार वल्लभभाई पटेल की 150 वीं जयंती संस्थान के महानिदेशक एल० वेंकटेश्वर लू के संरक्षण व अपर निदेशक सुबोध दीक्षित की अध्यक्षता व में, ” राष्ट्रीय एकता दिवस ” के रूप मे मनायी गयी। कार्यक्रम के अन्तर्गत सर्व प्रथम सरदार वल्लभभाई पटेल जी के चित्र पर अपर निदेशक संस्थान सुबोध दीक्षित द्वारा माल्यार्पण किया गया,तदुपरान्त समस्त अधिकारियों व कार्मिकों द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए।

राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर अपर निदेशक सुबोध दीक्षित द्वारा सभी उपस्थित अधिकारियों/कार्मिकों को राष्ट्रीय एकता के परिप्रेक्ष्य में संकल्पबद्धता के साथ शपथ दिलाई गई।लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के व्यक्तित्व, कृतित्व, राजनीतिक , सामाजिक और सांस्कृतिक दर्शन पर संस्थान के प्रमुख अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा प्रासंगिक विचार प्रकट किए गए।

अध्यक्षीय उद्बोधन के अन्तर्गत प्र0अपर निदेशक सुबोध दीक्षित द्वारा सभी उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता की नीति

पटेल का सबसे बड़ा योगदान था — रियासतों का भारत संघ में विलय।562 रियासतों को भारत में सम्मिलित करने के लिए उन्होंने राजनीति, समझदारी और दृढ़ता का उपयोग किया।उनका मानना था कि “भारत की एकता सर्वोपरि है, व्यक्तिगत या प्रांतीय स्वार्थ नहीं।”

दर्शन:“हम एक राष्ट्र हैं, हमें एकता में रहना होगा तभी हम सशक्त बनेंगे।”मजबूत प्रशासन और अनुशासन की नीति पटेल का विश्वास था कि प्रशासन अनुशासन, सत्यनिष्ठा और दक्षता पर टिका होता है।उन्होंने किसानों के अधिकारों के लिए खेड़ा और बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व किया।उनका उद्देश्य था कि किसान सम्मानपूर्वक जीवन जी सके और उसे न्याय मिले। स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का दर्शन

वे मानते थे कि भारत को विदेशी निर्भरता से मुक्त होकर आत्मनिर्भर बनना चाहिए। कार्यक्रम के आयोजन एवं प्रबंधन के दृष्टिगत संस्थान के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों का उल्लेखनीय योगदान रहा है।

 

Anveshi India Bureau

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