Tuesday, July 1, 2025
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‘आपातकाल के 50 साल’: ‘मेरे गांव से जेल गए थे 184 लोग, मरने तक नहीं भूलूंगा वो दृश्य’, केंद्रीय गृहमंत्री बोले

‘आपातकाल के 50 साल’: ‘मेरे गांव से जेल गए थे 184 लोग, मरने तक नहीं भूलूंगा वो दृश्य’, केंद्रीय गृहमंत्री बोले

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को ‘आपातकाल के 50 साल’ कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं 11 साल का था। गुजरात में आपातकाल का असर कम था, क्योंकि वहां जनता सरकार बनी थी। लेकिन बाद में वह सरकार गिर गई। उन्होंने कहा, मैं एक छोटे से गांव से आता हूं। मेरे गांव से ही 184 लोग जेल गए थे। मैं उस दिन और उन दृश्यों को मरने तक नहीं भूलूंगा।

शाह ने कहा, केवल आजाद होने के विचार के लिए जेल जाना, इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि वह सुबह भारत के लोगों के लिए कितनी निर्दयी रही होगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, आपातकाल को एक वाक्य में परिभाषित करना मुश्किल है। मैंने इसका एक अर्थ निकाला है। एक लोकतांत्रिक देश के बहुपक्षीय लोकतंत्र को तानाशाही में बदलने की साजिश ही आपातकाल है।

उन्होंने कहा, यह लड़ाई इसलिए जीत ली गई क्योंकि इस देश में कोई तानाशाही बर्दाश्त नहीं कर सकता। भारत लोकतंत्र की जननी है। उस समय आपातकाल को कोई पसंद नहीं करता था, सिवाय तानाशाहों और उस छोटे-से संकुचित समूह के जिन्हें फायदा हुआ था। उन्हें भ्रम था कि कोई उनकी चुनौती नहीं दे सकता, लेकिन आपातकाल के बाद जब पहले लोकसभा चुनाव हुए, तब पहली बार स्वतंत्रता के बाद गैर-कांग्रेस सरकार बनी और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने।

 

 

 

Courtsy amarujala

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