क़व्वाली के अज़ीमोशान फ़नकार उस्ताद यासीन नाज़ा जो फ़क़त इलाहाबाद ही नहीं देशभर में अपनी फ़नकारी के जलवों के लिए ख्यातिलब्ध थे उन्होंने आज सुबह-सुबह अपनी आख़िरी सांस ली और इस जहान से रुख़सत हुए।
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के वरिष्ठ अध्येता थे ।नाज़ा साहब ने देश के सभी प्रमुख महोत्सवों में क़व्वाली कि शानदार प्रस्तुतियां दी।
अपनी क़व्वाली के फन से सुनने वालों की रूह में उतर जाने वाली आवाज़ जो सबको दीवाना कर देती थी वहीं उनके भजनों से भी श्रोता आनन्दित हो उठते थे। देश विदेश में अपनी आवाज़ को बुलन्दी देने वाले उस्ताद नाजां साहब शहर के प्रतिष्ठित ‘स्वर्ग’ रंगमंडल से जुड़कर कलाकारों को निखारने और तराशने का काम करते थे। उनके इस तरह से जाने से शहर के कव्वाली जगत में एक खालीपन और उनको जानने वालों में शोक की लहर है।
Anveshi India Bureau