Tuesday, July 8, 2025
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उत्तर मध्य रेलवे को मिला “उत्तर प्रदेश राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार-2024” का “प्रथम पुरस्कार”

प्रतिस्पर्धात्मक युग में राष्ट्र की प्रगति व विकास हेतु ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करना उत्तर मध्य रेलवे के प्रमुख एजेंडे में शामिल है। ऊर्जा की उपलब्धता, ऊर्जा की मांग के सापेक्ष अपव्यय को नियंत्रित कर, ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहन देकर सुनिश्चित की जा सकती है।

उत्तर मध्य रेलवे द्वारा विभिन्न ऊर्जा दक्ष तकनीकी उपायों प्रयासों द्वारा क्षेत्रीय रेलवे की प्रतिस्पर्धा में इस वर्ष दो पुरस्कार झोली में आए है। इसमें उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) द्वारा आयोजित “उत्तर प्रदेश राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार-2024” का “प्रथम पुरस्कार” प्राप्त कर अन्य निकायों के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह पुरस्कार दिनांक 14.12.2024 को लखनऊ में आयोजित ऊर्जा संरक्षण दिवस-2024 के समारोह में कुलदीप कुमार, उप मुख्य बिजली अभियंता/सामान्य/उ.म.रे. तथा प्रवीण नेवालकर, वरिष्ट खंड अभियंता/ड्रॉइंग/मुख्यालय के द्वारा ग्रहण किया गया।

इसके अतिरिक्त BEE द्वारा आयोजित “राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार-2024” में सूबेदारगंज रेल्वे स्टेशन को “सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट” से पुरस्कृत किया गया। यह पुरस्कार दिनांक 14.12.2024 को नई दिल्ली में आयोजित ऊर्जा संरक्षण दिवस-2024 के समारोह में अखिलेश कुमार, उप मुख्य बिजली अभियंता/मुख्यालय के द्वारा ग्रहण किया गया।
ऊर्जा संरक्षण को प्रतिबद्ध उत्तर मध्य रेलवे द्वारा 12.47 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट, सभी 411 रेलवे स्टेशनों, सभी 265 रेलवे सर्विस बिल्डिंग एवम सभी रेल आवासों में शत प्रतिशत ऊर्जा दक्ष LED ट्यूबलाइट, BLDC पंखे व 5 स्टार रेटिंग के एयर कंडीशनर लगाए गए। इससे वर्ष 2023-24 में 16 मिलियन यूनिट ऊर्जा की बचत व रेलवे राजस्व में 14.4 करोड़ रुपये की बचत हुई । जिसके फलस्वरूप वर्ष 2023-24 में 14544 मेट्रिक टन कार्बन-डाई-ऑक्साइड का उत्सर्जन रोक गया।

वर्ष 2023-24 में सोलर पावर प्लांट द्वारा 11.8 मिलियन यूनिट तथा वर्ष 2024-25 (अप्रैल-नवंबर) में 8.3 मिलियन यूनिट सस्ती एवम पर्यावरण अनुकूल बिजली उत्पन्न की गई। इससे वर्ष 2023-24 में रु. 4.93 करोड़ तथा 2024-25 (अप्रैल-नवंबर) में रु. 3.69 करोड़ के राजस्व की बचत की गई। जिसके फलस्वरूप वर्ष 2023-24 में 9921 मेट्रिक टन तथा 2024-25 (अप्रैल-नवंबर) में 6938 मेट्रिक टन कार्बन-डाई-ऑक्साइड का उत्सर्जन रोक गया।
सम्पूर्ण उत्तर मध्य रेलवे में 3285.366 रूट किलोमीटर में शत प्रतिशत पर विद्युतीकरण करने से डीजल की खपत में एवं समय में 98% प्रतिशत की कमी आई जिससे रेल राजस्व की बचत हुई ।

इसके अतिरिक्त 3 फेज एसी लोकोमोटिव के द्वारा रीजेनरेटिव ब्रेकिंग के माध्यम से 24.38 करोड़ यूनिट बिजली की बचत हुई जिससे रेल राजस्व में 146.3 करोड़ रुपए की बचत हुई है इसके अतिरिक्त कोच लाइटिंग में HOG के द्वारा बिजली प्रदान करने से पावर कार की डीजल खपत में वर्ष 2023-24 में 6294 किलो लीटर की कमी आई है जिससे रेल राजस्व में 55.4 करोड़ रुपए की बचत हुई है ।

इस अवसर पर प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर, उत्तर मध्य रेलवे अनूप कुमार अग्रवाल द्वारा सभी विद्युत विभाग की टीम को उनके सराहनीय योगदान हेतु बधाई दी गई| जिसमे इसको सफल बनाने में के निर्देशन में मुख्य बिजली इंजीनियर/ऊर्जा प्रबंधन के. एम. सिंह एवं उनकी टीम का विशेष आभार व्यक्त किया |

उत्तर मध्य रेलवे हरित ऊर्जा के सतत उपयोग हेतु प्रतिबद्ध हैI इसी दिशा में वर्ष 2024-25 में 17.84 मेगावाट के सोलर संयंत्र लगाने हेतु रेलवे बोर्ड द्वारा कार्य स्वीकृत किये गए है, जोकि वर्ष 2025-26 तक पूर्ण हो जायेगेI जिससे उत्तर मध्य रेलवे की कुल हरित ऊर्जा की सालाना अनुमानित उत्पादन क्षमता 32.3 मिलियन यूनिट (MU) हो जाएगी। इससे 27187 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और रु. 14.9 करोड़. राजस्व की बचत होगीI

 

 

Anveshi India Bureau

 

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