महाकुंभ नगर में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम ने सनातन संस्कृति और परंपरा की अनोखी झलक पेश की। श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़े की पेशवाई के दौरान जिस तरह से धार्मिक उत्साह और परंपराओं का प्रदर्शन हुआ, वह न केवल सनातन धर्म के वैभव को दिखाता है, बल्कि इसकी गहरी जड़ों और अखाड़ा परंपरा की महत्ता को भी उजागर करता है।
अग्नि अखाड़े की पेशवाई में भगवती गायत्री की पालकी, नागा संन्यासियों के हैरतअंगेज करतब, और हाथी-घोड़े-ऊंटों के साथ निकली शोभायात्रा ने आयोजन को विशेष बना दिया। संतों और महंतों की उपस्थिति, उनके दर्शन और आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ ने यह दिखाया कि यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी कितना महत्वपूर्ण है।
योगी सरकार और मेला प्रशासन द्वारा संतों का स्वागत और सुरक्षा व्यवस्था का खास ध्यान देना यह साबित करता है कि महाकुंभ जैसे आयोजनों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अहमियत को समझा गया है। ऐसी भव्य पेशवाई न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारी परंपराओं को आने वाली पीढ़ियों तक ले जाने का माध्यम भी बनती है।
Anveshi India Bureau