काली मार्ग पर मेला कार्यालय के पास से वाहनों का आवागमन रोक दिया गया था। इसके कारण त्रिवेणी मार्ग पर घंटों जाम लगा रहा। श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा की पेशवाई बाघंबरी गद्दी के सामने नवनिर्मित महानिर्वाणी अखाड़े के भवन से शुरू हुई।
महाकुंभ क्षेत्र में अखाड़ों के प्रवेश का अनूठा अंदाज देखते बन रहा है। बृहस्पतिवार को पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी के महामंडलेश्वरों, आचार्यों, मंडलेश्वरों और श्रीमहंतों ने सुसज्जित रथों पर सवार होकर छावनी प्रवेश किया। रास्ते भर पुष्प वर्षा के बीच संतों के रथ गुजरते रहे और जयघोष होता रहा।
अलोपीबाग से निकली छावनी प्रवेश शोभायात्रा में संतों-भक्तों का तांता लग गया। अलोपीबाग स्थित महा निर्वाणी अखाड़े की छावनी से भव्य जुलूस दिन के 11 बजे उठा। सबसे पहले महा मंडलेश्वर की पदवी इसी अखाड़े की ओर से प्रदान की गई थी। मौजूदा समय इस अखाड़े में 67 महा मंडलेश्वर हैं। छावनी प्रवेश शोभायात्रा में सभा महामंडलेश्वर रथों पर आरूढ़ होकर निकले तो वह दृश्य देखते बना।





