महाकुंभ के दाैरान करोड़ों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचेंगे। ऐसे में करोड़ों की संभावित भीड़ को देखते हुए मेला प्रशासन की ओर से मेला क्षेत्र में जगह-जगह घाट बनाए गए हैं, जहां से संगम तक नावों का किराया भी निर्धारित किया गया है।
मेला प्रशासन की ओर से भले ही नावों का बढ़ा हुआ किराया जारी कर दिया गया है, लेकिन संगम में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं और पर्यटकों से कई गुना अधिक जेब ढीली करनी होगी। स्थिति यह है कि मेला प्रशासन की ओर से जारी की गई किराया सूची से 10 गुना अधिक दाम की डिमांड की जा रही है।
महाकुंभ के दाैरान करोड़ों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचेंगे। ऐसे में करोड़ों की संभावित भीड़ को देखते हुए मेला प्रशासन की ओर से मेला क्षेत्र में जगह-जगह घाट बनाए गए हैं, जहां से संगम तक नावों का किराया भी निर्धारित किया गया है। हाल ही में मेला प्रशासन और नाविक संघ की बैठक के बाद इसमें 50 फीसदी की बढ़ोतरी भी की गई है। इस कारण पिछले वर्ष जहां 50 रुपये किराया था, वो इस बार बढ़कर 75 रुपये हो गया है। बढ़े हुए किराये की सूची भी मेला क्षेत्र में चस्पा की जा रही है। इसके बावजूद नावों के किराये में मनमानी वसूली की जा रही है।
महाकुंभ के दाैरान करोड़ों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचेंगे। ऐसे में करोड़ों की संभावित भीड़ को देखते हुए मेला प्रशासन की ओर से मेला क्षेत्र में जगह-जगह घाट बनाए गए हैं, जहां से संगम तक नावों का किराया भी निर्धारित किया गया है। हाल ही में मेला प्रशासन और नाविक संघ की बैठक के बाद इसमें 50 फीसदी की बढ़ोतरी भी की गई है। इस कारण पिछले वर्ष जहां 50 रुपये किराया था, वो इस बार बढ़कर 75 रुपये हो गया है। बढ़े हुए किराये की सूची भी मेला क्षेत्र में चस्पा की जा रही है। इसके बावजूद नावों के किराये में मनमानी वसूली की जा रही है।
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