अमृत स्नान के बाद नागा संन्यासियों और अन्य संतों की चरण रज लेने के लिए भक्तों में होड़ मची रही। स्नान करने के बाद जिस रास्ते से संत लौट रहे थे उनके पीछे भक्त दौड़ रहे थे और उनका पैर छूने का प्रयास कर रहे थे। उनके चरण स्पर्श के बाद उनके चरणों के नीचे की धूलि का तिलक माथे पर लगा रहे थे मुट्ठी से बटोरकर उसे बांधकर घर ले जा रहे थे।
महाकुंभ पर अमृत (शाही) स्नान के बाद लौट रहे नागा संन्यासियों और संतों की चरण धूलि लेने और चरण स्पर्श करने के लिए होड़ मची रही। बड़ी संख्या में भक्त चरण धूलि को पोटली में बांधकर अपने घर ले गए। उनका कहना था कि चरण रज को घर में रखेंगे जिससे घर पवित्र हो जाएगा और भगवान की कृपा मिलेगी। जिस रास्ते से नागा संन्यासी और संत गुजर रहे थे उनके पीछे भक्त उनके चरण धूलि को माथे लगाने और बटोरने में जुटे थे।
इसके लिए होड़ मची रही। चरण रज घर ले जा रहे भक्तों ने बातचीत में बताया कि बेटे की नौकरी और परीक्षा में पोते को अच्छे अंक मिलें इसके लिए रज को ले जा रहे हैं। बिहार से आए एक भक्त राजेश ठाकुर ने बताया कि वह घर में सुख और शांति के लिए रज रखेंगे। इसी तरह पश्चिम बंगाल के मिदनीपुर की मीनाक्षी देवी ने बताया कि बेटी की शादी और पति की लंबी आयु के लिए वह धूल को अपने साथ ले जा रही हैं। कुंभ 2019 में भी वह चरण रज को घर ले गई थीं और उनकी मनोकामना पूरी हुई थी।
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