समूहों में आईं ग्रामीण अंचलों से महिलाएं ने मां गंगा के गीत गाते हुए डुबकी लगाई। अभीष्ट कामना को लेकर मां गंगा को पियरी भी चढ़ाई। भगवान सूर्य की विधि-विधान से उपासना हुई।
अचला सप्तमी पर मंगलवार को लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर पवित्र संगम में डुबकी लगाई। साधु-संतों के शिविर में हवन-पूजन हुआ। विभिन्न स्थानों पर भंडारे के साथ संतों ने कुंभनगरी से विदाई ली। उधर, सुख-समृद्धि की कामना के साथ कल्पवासियों ने भी अपने-अपने शिविरों में भंडारे किए। दंडी स्वामियों को दक्षिणा अर्पित करके आशीष लिया।
तड़के से ही श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। संगम नोज समेत सभी स्नान घाट स्नानार्थियों से भरे रहे। देर-शाम तक स्नानार्थी जत्थों में आकर डुबकी लगाते दिखे। महिलाओं ने संतान की रक्षा के लिए व्रत रखा।
समूहों में आईं ग्रामीण अंचलों से महिलाएं ने मां गंगा के गीत गाते हुए डुबकी लगाई। अभीष्ट कामना को लेकर मां गंगा को पियरी भी चढ़ाई। भगवान सूर्य की विधि-विधान से उपासना हुई। श्रद्धालुओं ने दुग्धाभिषेक किया। दंडी नगर एवं खाक चौक मेंं विविध आयोजन हुए। अनुष्ठानों की पूर्णाहुतियां हुईं।
संत शिविरों में षोडशोपचार के साथ सूर्यदेव का पूजन हुआ। कई जगह विशाल भंडारे हुए। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भी यहां पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया। भंडारे के बाद संतों की टोलियां विदा होने लगीं। दंडी नगर में अन्न के साथ वस्त्र दान हुआ।
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