महाकुंभ 2025 में आयोजित “एक जिला-एक उत्पाद” (ODOP) प्रदर्शनी में आज केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विशेष रुचि दिखाई। उन्होंने कुशीनगर जनपद के प्रसिद्ध केले के रेशे से निर्मित कालीन की खरीदारी की और इसकी गुणवत्ता की सराहना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना न केवल स्थानीय कारीगरों को सशक्त बना रही है, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रदेश के उत्पादों को नई पहचान दिला रही है।
केंद्रीय मंत्री के आगमन पर उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने उनका स्वागत किया। उन्होंने प्रदर्शनी में लगे विभिन्न स्टालों की विशेषताओं से अवगत कराते हुए बताया कि कुशीनगर, जो केले की खेती के लिए प्रसिद्ध है, अब अपने प्राकृतिक फाइबर से बने उत्पादों के लिए भी पहचाना जा रहा है। केले के रेशे से निर्मित कालीन पूरी तरह जैविक और पर्यावरण के अनुकूल हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी मांग लगातार बढ़ रही है।
धर्मेंद्र प्रधान ने ODOP योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल कारीगरों और छोटे उद्यमियों को सशक्त बना रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रही है। अब यूपीआई जैसी डिजिटल भुगतान व्यवस्था के चलते कारीगरों को सीधे उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल रहा है, जिससे व्यापार में पारदर्शिता और सुगमता आई है।
महाकुंभ 2025 में आयोजित यह प्रदर्शनी उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और व्यावसायिक समृद्धि को दर्शाने का एक सशक्त मंच बनी हुई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस आयोजन से प्रदेश के हर जिले के विशिष्ट उत्पादों को व्यापक पहचान मिल रही है, जिससे स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को बड़ा बाजार उपलब्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और आने वाले समय में इससे प्रदेश के लाखों कारीगरों को आर्थिक मजबूती मिलेगी।
प्रदर्शनी के दौरान विभिन्न जनपदों के ODOP उत्पादों के कारीगरों और उद्यमियों ने भी केंद्रीय मंत्री से संवाद किया और अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इससे उनकी आमदनी में वृद्धि हुई है और उनके उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है।
Anveshi India Bureau