याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि युवती यौन उत्पीड़न का शिकार होने के कारण गर्भवती हुई है। मामले की एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। लोक-लाज के कारण पीड़िता अनचाहे गर्भ से मुक्ति पाना चाहती है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीएमओ कानपुर नगर को यौन उत्पीड़न की शिकार युवती के अनचाहे गर्भ को तीन दिन में समाप्त कर भ्रूण के ऊतक व रक्त के नमूने को बतौर साक्ष्य संरक्षित करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति डी. रमेश की अदालत ने कानपुर की एक पीड़िता की ओर से दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि युवती यौन उत्पीड़न का शिकार होने के कारण गर्भवती हुई है। मामले की एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। लोक-लाज के कारण पीड़िता अनचाहे गर्भ से मुक्ति पाना चाहती है। सीएमओ कानपुर नगर के समक्ष प्रार्थना पत्र दिया था। लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई। लिहाजा, पीड़िता को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।