रमजान का आखिरी जुमा शुक्रवार 28 मार्च को है। ऐसे में संगम नगरी में ईद 31 मार्च या एक अप्रैल को मनाई जा सकती है। इसके लिए बाजारों में खरीदारी शुरू हो गई है। लोग ईद की तैयारियों में खासतौर पर नए और आकर्षक कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं।
रमजान का आखिरी जुमा शुक्रवार 28 मार्च को है। ऐसे में संगमनगरी में ईद 31 मार्च या एक अप्रैल को मनाई जा सकती है। इसके लिए बाजारों में खरीदारी शुरू हो गई है। लोग ईद की तैयारियों में खासतौर पर नए और आकर्षक कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं। ईद की नमाज के लिए सफेद कुर्ते-पायजामे की डिमांड भी कम नहीं है।
ईद पर युवाओं में एक खास चलन देखने को मिल रहा है। यूं तो बाजार में नए-नए डिजाइन के कुर्ते-पायजामे हैं, लेकिन इस बार अभिनेता सलमान खान की फिल्म ‘सिकंदर’ में पहने गए काले पठानी सूट की मांग ज्यादा है। फिल्म का चर्चित गीत मेरी जोहरा जबीं में सलमान खान ने काला पठानी सूट पहना है। इस पर सफेद कढ़ाई की गई है।
पुराने शहर के कपड़ों और टेलरों की दुकानों पर इसी डिजाइन के कुर्ते-पायजामे की मांग तेजी से बढ़ रही है। सम्राट टेलर्स के शेख डाबर वकील बताते हैं कि ईद पर कुर्ता-पायजामा, पठानी सूट सिलवाने के लिए बीते 15 दिन से काफी संख्या में लोगों ने अपनी बुकिंग करवा रखी है। कारीगर दिन-रात काम कर रहे हैं ताकि लोगों को समय से उनके परिधान दिए जा सकें।
कारोबारी मुसाब खान ने बताया कि ‘सिकंदर’ फिल्म वाले सूट को युवा खरीदने के लिए अधिक उत्सुक हैं। जानसेनगंज के टेलर राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि काफी संख्या में लोगों ने कुर्ता-पायजामा और पठानी सूट सिलवाने के लिए बयाना दे रखा है। कारोबारी मो. सैफ ने बताया कि डिजाइनर कुर्त्तों के अलावा हमेशा की तरह इस वर्ष भी सफेद कुर्ता-पायजामा का महत्व कम नहीं हुआ है।
बाजार में भागलपुर का लीलन व पठान कुर्ता-पायजामा और दिल्ली व इंदौर के कुर्त्तों की भी खासी डिमांड है। इसमें इंदौर के डिजाइनर कुर्त्ते की मांग अधिक है। यह जैकेट के साथ पहना जाने वाला कुर्ता है। इसकी कीमत एक हजार से लेकर चार हजार रुपये तो कॉटन का कुर्ता-पायजामा पांच सौ से दो हजार तक में आसानी से उपलब्ध है।