Tuesday, July 8, 2025
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UP News: ‘ताजिया का साइज छोटा करो…’, सीएम योगी बोले- वरना हाइटेंशन लाइन की चपेट में आओगे तो मर जाओगे

एक सवाल के जवाब में सीएम योगी ने कहा कि ताजिया का साइज छोटा करो, वरना हाइटेंशन लाइन की चपेट में आओगे तो मर जाओगे। कांवड़ यात्रियों से भी बोलते हैं कि डीजे का साइज छोटा करो। जो नहीं करता है, उसके खिलाफ एक्शन लेते हैं। कानून सबके लिए बराबर है। नमाज पढ़ने के नाम पर आप घंटों सड़क जाम करेंगे? नमाज पढ़ने की जगह ईदगाह और मस्जिदें हैं, सड़क नहीं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में प्रदेश के विकास से लेकर कानून व्यवस्था तक खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि राज्य तेजी से आर्थिक प्रगति कर रहा है। 2030 तक यह देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसकी प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के बराबर होगी।

सीएम ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके आठ साल के कार्यकाल के दौरान, उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। पिछले कुछ दशकों में राज्य के विकास की उपेक्षा करने के लिए पिछली सरकारों की आलोचना की।

हमें विश्वास है 2029-30 तक लक्ष्य हासिल कर लेंगे

उन्होंने कहा कि जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के बराबर थी। 2016-17 में यह राष्ट्रीय औसत के एक तिहाई तक कम हो गई। हम इसे 2016-17 के स्तर से दोगुना करने में सफल रहे हैं। मेरे आकलन के अनुसार, उत्तर प्रदेश देश की नंबर वन अर्थव्यवस्था होगी। सीएम ने कहा कि हमने एक समय सीमा तय की है और जिस तरह से हम विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, हमें विश्वास है कि हम 2029-30 तक अपने लक्ष्य हासिल कर लेंगे।

आठ साल के कार्यकाल की उपलब्धियों से जुड़े सवाल के जवाब में सीएम ने कहा पिछले आठ वर्षों में हमने उन कार्यों को पूरा करने का प्रयास किया है, जो पिछली सरकारें 70 वर्षों में हासिल नहीं कर सकीं। 1947 से 2017 के बीच 70 वर्षों में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था 12-12.5 लाख करोड़ रुपये के दायरे में थी और देश में सातवें या आठवें स्थान पर थी।” उन्होंने कहा, “पिछले आठ वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था 27.5 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है और देश में दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनकर उभरी है।

मैं खुद को विशेष नहीं मानता

 

 

आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि भारतीय परंपरा धर्म को स्वार्थ से नहीं जोड़ती है। क्या वह खुद को एक धार्मिक व्यक्ति या एक राजनीतिक नेता के रूप में अधिक मानते हैं? इस पर सीएम ने जोर देकर कहा, “मैं एक नागरिक के रूप में काम करता हूं और खुद को विशेष नहीं मानता। एक नागरिक के रूप में, मेरे संवैधानिक कर्तव्य पहले आते हैं। “मेरे लिए, राष्ट्र सर्वोपरि है। अगर देश सुरक्षित है, तो मेरा धर्म सुरक्षित है। जब धर्म सुरक्षित है, तो कल्याण का मार्ग अपने आप खुल जाता है।”

नाम नहीं… काम से याद किया जाए

 

 

यह पूछे जाने पर कि वह कैसे चाहते हैं कि उन्हें या उनकी विरासत को याद किया जाए? इस पर सीएम ने जबाव दिया कि दूसरों को उन्हें याद करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि वह हमेशा मौजूद हैं। उन्होंने आगे कहा, “नाम नहीं बल्कि काम को याद रखना चाहिए। किसी की पहचान उसके काम से होनी चाहिए, नाम से नहीं। उन्होंने कहा मैं वर्तमान में जी रहा हूं।

हिंदुओं से धार्मिक अनुशासन सीखें मुसलमान

 

 

मुस्लिमों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि उन्हें राज्य के विकास में उचित हिस्सा मिलेगा, लेकिन सिर्फ इसलिए विशेष रियायतों की उम्मीद न करें कि वह अल्पसंख्यक हैं। मुसलमानों के साथ भेदभाव के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मुसलमान राज्य की आबादी का 20 प्रतिशत हैं, लेकिन सरकारी कल्याण योजनाओं के लाभार्थियों में उनकी हिस्सेदारी 35-40 प्रतिशत है। हम न तो भेदभाव में विश्वास करते हैं और न ही तुष्टिकरण में।

मेरठ में उनके प्रशासन द्वारा सड़कों पर नमाज अदा करने के खिलाफ चेतावनी पर विवाद के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। सड़कें चलने के लिए होती हैं और जो लोग (फैसले के खिलाफ) बोल रहे हैं, उन्हें हिंदुओं से अनुशासन सीखना चाहिए। प्रयागराज में 66 करोड़ लोग पहुंचे। कोई डकैती, संपत्ति का विनाश, आगजनी, अपहरण नहीं हुआ। इसे धार्मिक अनुशासन कहा जाता है।

लूट-खसोट का अड्डा बन गया है वक्फ बोर्ड

 

 

वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध करने वालों की आलोचना करते हुए सीएम ने कहा कि वक्फ बोर्ड स्वार्थी हितों के साथ-साथ लूट खसोट (संपत्ति हड़पने) का अड्डा बन गए हैं और मुसलमानों के कल्याण के लिए बहुत कम काम किया है। हिंदू मंदिरों और मठों द्वारा शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में दान के उदाहरणों का हवाला देते हुए उन्होंने पूछा कि क्या किसी वक्फ बोर्ड ने कई गुना अधिक संपत्ति होने के बावजूद इस तरह का कल्याणकारी काम किया है। उन्होंने पूछा कि पूरे समाज की बात तो छोड़िए, क्या वक्फ संपत्तियों का इस्तेमाल मुसलमानों के कल्याण के लिए किया गया है।

बुलडोजर मॉडल समय की जरूरत

 

 

एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा बुलडोजर मॉडल को अब अन्य राज्यों में भी त्वरित न्याय के रूप में अपनाया जा रहा है, हालांकि इसकी वैधता पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। हम इस लोकप्रिय प्रथा को उपलब्धि नहीं बल्कि आवश्यकता मानते हैं। बुलडोजर का इस्तेमाल बुनियादी ढांचे के निर्माण और अतिक्रमण हटाने के लिए भी किया जा सकता है।
Courtsy amarujala.
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