Tuesday, July 8, 2025
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Shri krishna Janmbhoomi Case : हिंदू पक्ष की मांग- राधा-रानी को बनाया जाए पक्षकार, बिना राधा अधूरे हैं श्याम

इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाद मित्र के रूप में प्रार्थना पत्र दाखिल कर राधा-रानी को पक्षकार बनाने की मांग की गई है। दलील दी गई कि राधा-रानी के बिना श्याम अधूरे हैं। भगवान श्रीकृष्ण इस मुकदमे के मुख्य वादी हैं। संपत्ति उनकी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाद मित्र के रूप में प्रार्थना पत्र दाखिल कर राधा-रानी को पक्षकार बनाने की मांग की गई है। दलील दी गई कि राधा-रानी के बिना श्याम अधूरे हैं। भगवान श्रीकृष्ण इस मुकदमे के मुख्य वादी हैं। संपत्ति उनकी है। संपूर्ण ब्रज मंडल व पूरे विश्व में भगवान श्रीकृष्ण बिना राधा-रानी के अपूर्ण माने जाते हैं, इसलिए भगवान श्रीकृष्ण की सभी संपत्तियों में राधा-रानी का हित निहित माना जाएगा। ऐसे में राधा-रानी को वाद में शामिल करना आवश्यक है।

विदित हो कि शूट नंबर सात में दिसंबर-2023 में राधा-रानी को पक्षकार बनाने के लिए प्रार्थना पत्र डाला गया था। वहीं, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के अधिवक्ता हरेराम त्रिपाठी ने राधा-रानी को पक्षकार बनाए जाने का विरोध किया। दलील दी कि भगवान श्रीकृष्ण लला विराजमान अवयस्क हैं। नाबालिग विग्रह के रूप में हैं। सारी संपत्ति उनकी है।

ट्रस्ट के माध्यम से रिकॉर्ड पर उन्हीं के नाम से दर्ज है। भगवान के नाबालिग होने के नाते वादी भगवान श्रीकृष्ण विग्रह की किसी भी प्रकार से पत्नी रूप में किसी की परिकल्पना नहीं की जा सकती। वाद विचाराधीन है, इसलिए बिना किसी हितधारक के किसी को भी पक्षकार न बनाया जाए। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि मुझे राधा-रानी को पक्षकार बनाने पर कोई आपत्ति नहीं है। बस यह देखा जाए कि आवेदन कानूनी प्रावधान से स्वीकार्य है या नहीं। इस मामले की सुनवाई अब छह मई को होगी। 

शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग पर मुस्लिम पक्ष ने की आपत्ति

 

 

इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग को लेकर दाखिल अर्जी के विरोध में आपत्ति दाखिल की है। इसमें कहा है कि शाही ईदगाह 400 सालों से स्थित है। इसे विवादित ढांचा घोषित करने की मांग कठोर दंड के साथ खारिज किया जाना चाहिए। वहीं हिंदू पक्ष की ओर से आपत्ति पर लिखित जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। अगली सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की एकल पीठ ने छह मई की तिथि नियत की है।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में शाही ईदगाह को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग को लेकर अर्जी दाखिल की है। उनका कहना है कि अयोध्या केस की सुनवाई के दौरान बाबरी मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किया गया था, उसी तरह शाही ईदगाह को भी विवादित ढांचा घोषित किया जाए।

बृहस्पतिवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से अधिवक्ता तस्नीम अहमदी, नसीरउज्जमा व तनवीर अहमद ने आपत्ति दाखिल करते हुए दलील दी कि वादी ने अपनी याचिका, आवेदन, हलफनामे आदि में उक्त मस्जिद को शाही ईदगाह मस्जिद लिखा है। किसी गुप्त उद्देश्य के लिए यह मांग की जा रही है। यह अर्जी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। इसे कठोर दंड के साथ खारिज किया जाना चाहिए।

 

 

 

 

Courtsy amarujala.

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