फर्जी हॉर्ट सर्जन नरेंद्र केम को गिरफ्तार करने के बाद मध्य प्रदेश की पुलिस बृहस्पतिवार को फिर प्रयागराज पहुंची। एमपी के दमोह जिले के मिशन अस्पताल का फर्जी हार्ट सर्जन नरेंद्र जॉन केम प्रयागराज के नैनी में स्थित ओमेक्स आनंदा में फ्लैट किराए पर लेकर रह रहा था।
फर्जी हॉर्ट सर्जन नरेंद्र केम को गिरफ्तार करने के बाद मध्य प्रदेश की पुलिस बृहस्पतिवार को फिर प्रयागराज पहुंची। एमपी के दमोह जिले के मिशन अस्पताल का फर्जी हार्ट सर्जन नरेंद्र जॉन केम प्रयागराज के नैनी में स्थित ओमेक्स आनंदा में फ्लैट किराए पर लेकर रह रहा था। एमपी पुलिस ने फर्जी डॉक्टर के फ्लैट नंबर 511 की छानबीन की। पुलिस की जांच में फर्जी हॉट सर्जन के कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिनके आधार पर ये तय होगा कि वह एमबीबीएस डॉक्टर है या नहीं। उसने कहां डॉक्टरी की पढ़ाई की है। पुलिस अब उन चिकित्सा संस्थानों में भी जाएगी और दस्तावेज के आधार पर उनका वेरिफिकेशन कराएगी। फिलहाल सुबह ओमेक्स आनंदा के फ्लैट नंबर 511 में पुलिस के पहुंचने से हड़कंप मच रहाष ओमेक्स आनंदा के मैनेजर को भी पुलिस ने मौके पर बुलवाया।
पुलिस के हाथ लगे अहम सबूत
पुलिस बृहस्पतिवार को सुबह नैनी ओमेक्स आनंदा के पांचवें फ्लोर के 511 फ्लैट में धमक पड़ी। फ्लैट में मकान मालिक जमुना सिंह को भी बुलाया गया था। पुलिस ने एन जॉन केम के फ्लैट में उसका सारा सामान वीडियोग्राफी कराकर खुलवाया। फ्लैट में एक बड़ा सूटकेस मिला है, जिसमें उसके शैक्षिक प्रमाण पत्र के साथ कई जरूरी दस्तावेज भी मिले हैं। पुलिस उनकी बारीकी से जांच कर रही है और फ्लैट में मिले सभी सामानों को सर्च कर उनकी लिस्टिंग कर रही है।
ऑनलाइन किराए पर लिया था फ्लैट
पुलिस सूत्रों ने बताया कि फर्जी हार्ट सर्जन ने प्रयागराज के फ्लैट को जमुना सिंह से किराए पर लिया था और पिछले 9 महीने से यहां छिपकर रह रहा था। उसने अपने को डॉक्टर बताया था। साथ ही ये भी कहा था कि वो प्रयागराज में प्राइवेट प्रैक्टिस करता है। अभी वो यहीं रहकर अगले कुछ साल काम करेगा। उसने इस फ्लैट को ऑनलाइन किराए पर लिया था। मकान मालिक जमुना सिंह ने भी डॉक्टर जानकर अपने फ्लैट को एग्रीमेंट कर किराए पर दिया था।
7 अप्रैल को हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि दमोह जिले में मिशन अस्पताल में 15 हार्ट पेशेंट्स का ऑपरेशन करने वाला फर्जी हार्ट सर्जन एन जॉन केम को प्रयागराज से सात अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया था। दमोह पुलिस ने प्रयागराज कमिश्नरेट पुलिस की मदद से उसकी गिरफ्तारी की है। नरेंद्र विक्रम यादव खुद को लंदन के प्रसिद्ध डॉक्टर एन जोन केम बता कर और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दमोह मिशनरी अस्पताल में नौकरी कर रहा था। आरोप है कि इस फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट ने ढाई महीने में 15 मरीजों की हार्ट सर्जरी की जिसमें से सात की मौत हो गई। मामला गरमाने पर दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने जांच के आदेश दिए थे।
एसपी ने शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच के दिए आदेश
दमोह पुलिस अधीक्षक श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि डॉ. एनजोन केम (असली नाम नरेंद्र विक्रम यादव) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद उसकी तलाश की जा रही थी। उसके प्रयागराज में छिपे होने की जानकारी मिलने के बाद दमोह से एक पुलिस टीम भेजी गई थी। उसे पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है। उसके शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच कराई जाएगी।