फुटपाथ पर जीवन बसर करने वाले एक निराश्रित बुजुर्ग बाबा, जिन्हें पिछले 3 वर्ष से मोतियाबिंद के कारण दुनिया की रोशनी दिखाई नहीं देती थी, अब फिर से दुनिया को साफ-साफ देख सकते हैं। यह चमत्कार संभव हुआ शहर की सामाजिक संस्था ‘मदद फाउंडेशन’ और प्रतिष्ठित नेत्र सर्जन डॉ. अनूप चौहान की बदौलत।
मदद फाउंडेशन, जिसके संस्थापक मंगला प्रसाद तिवारी और उनकी पत्नी अमृता तिवारी हैं, पिछले कई वर्षों से अपने अभियान ‘रविवार की रसोई’ के तहत प्रत्येक रविवार को गरीब, जरूरतमंद और निराश्रित लोगों को निःशुल्क भोजन वितरित करती है। इसी कड़ी में फाउंडेशन की टीम नियमित रूप से बाबा को भोजन उपलब्ध कराती थी। एक रविवार को अमृता तिवारी ने बाबा से पूछा, “बाबा, हम हर रविवार आपको खाना देते हैं, क्या आप हमें पहचानते हैं?” जवाब में बाबा ने बताया कि मोतियाबिंद के कारण वह देख नहीं पाते। यह सुनकर फाउंडेशन की टीम ने बाबा की मदद के लिए नया कदम उठाने का फैसला किया।
मंगला प्रसाद तिवारी ने बाबा का एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर उनकी आंखों के ऑपरेशन के लिए अपील की। इस अपील का असर हुआ और शहर के जाने-माने नेत्र सर्जन डॉ. अनूप चौहान ने स्वयं संपर्क कर बाबा के ऑपरेशन की जिम्मेदारी ली। प्रारंभिक उपचार, दवाइयों और आई ड्रॉप्स के बाद बाबा को अस्पताल ले जाया गया, जहां 21 अप्रैल 2025 को उनकी आंखों का सफल ऑपरेशन किया गया।
ऑपरेशन के बाद बाबा अब पूरी तरह से देख सकते हैं। अपनी नई रोशनी पाकर भावुक बाबा ने मदद फाउंडेशन, मंगला प्रसाद तिवारी, अमृता तिवारी और डॉ. अनूप चौहान का तहे दिल से धन्यवाद किया। बाबा ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे फिर से दुनिया दिखेगी। आप लोगों ने मेरी जिंदगी बदल दी।”मदद फाउंडेशन की इस पहल की हर तरफ सराहना हो रही है। बता दें कि संस्था न केवल‘रविवार की रसोई’ के जरिए जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराती है, बल्कि इस तरह के विशेष प्रयासों से लोगों के जीवन में नई उम्मीद जगाती है। मंगला प्रसाद और अमृता तिवारी की जोड़ी अपने बच्चों के साथ मिलकर प्रत्येक रविवार को भोजन तैयार करती है और इसे जरूरतमंदों तक पहुंचाती है, जो समाज के लिए एक प्रेरणा है।
Anveshi India Bureau