दशकों पुराना लंबा इंतजार आखिर खत्म हुआ और प्रयागराज की बेटी शक्ति दुबे ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के साथ इस शहर को अपनी पुरानी पहचान वापस दिलाई।
दशकों पुराना लंबा इंतजार आखिर खत्म हुआ और प्रयागराज की बेटी शक्ति दुबे ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के साथ इस शहर को अपनी पुरानी पहचान वापस दिलाई। पुलिस सब इंस्पेक्टर देवेंद्र दुबे की बेटी शक्ति दुबे ने सिविल सेवा परीक्षा में अपने पांचवें प्रयास में ओवरऑल टॉप किया।
शक्ति ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की पढ़ाई एसएमसी घूरपुर से की। इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वर्ष 2013 में बीएससी में दाखिला लिया। शुरू से मेधावी रहीं शक्ति ने बीएससी में टॉप करने के साथ 2016 में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। फिर बीएचयू, वाराणसी में एमएससी बायोकेमेस्ट्री में दाखिला लिया। वह एमएससी में भी गोल्ड मेडलिस्ट रहीं और फिर वर्ष 2020 में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं।
नैनी में मामा भांजा तालाब के पास सोमेश्वर नगर कॉलोनी में सिविल सेवा परीक्षा की टॉपर शक्ति दुबे के घर पर मंगलवार को दिनभर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। घर में मौजूद पिता देवेंद्र दुबे, मां प्रेमा देवी और शक्ति की जुड़वा बहन प्रगति दुबे की खुशी का ठिकाना नहीं था। बड़े भाई आशुतोष लखनऊ में रहकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। शक्ति की सफलता पर बधाई के लिए आस-पड़ोस के लोगों का घर में देर रात तक आना-जाना लगा रहा। शक्ति दुबे का परिवार मूल रूप से बलिया जिले के बैरिया तहसील, थाना दोकती के वाजिदपुर गांव का रहने वाला है। पिता देवेंद्र दुबे प्रयागराज में ही सब इंस्पेक्टर हैं और वर्तमान में एडीसीपी ट्रैफिक कुलदीप सिंह के पेशकार हैं।
सब इंस्पेक्टर पिता देवेंद्र दुबे और गृहणी मां प्रेमा देवी ने बेटी शक्ति दुबे में आईएएस बनने का जज्बा जताया। मां का कहना है कि बेटी हमेशा सोशल मीडिया से दूर रही। घर में रहकर आराम से तैयारी कर सके, इसके लिए वाईफाई लगवा दिया था। मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी बहुत जरूरत पड़ने पर करती थी। शक्ति की जुड़वा बहन प्रगति और बड़े भाई आशुतोष भी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। पिता और मां को विश्वास था कि शक्ति को सफलता मिलेगी और भविष्य में उनके दोनों बच्चे भी आईएएस अफसर बनेंगे।
बीएससी में हमेशा दोनाें बहनों के बीच रही टॉप रहने की होड़
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के बायोकेमेस्ट्री विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. अभय कुमार पांडेय ने कहा कि बीएससी में पढ़ाई के दौरान बायोकेमेस्ट्री विषय में शक्ति और उनकी जुड़वा बहन प्रगति के बीच हमेशा टॉप रहने की होड़ रही। बीएससी प्रथम से लेकर अंतिम वर्ष तक कभी शक्ति को कभी प्रगति को पहली रैंक मिलती।
प्रो. पांडेय ने बताया कि शक्ति अपने विषय की एक्सपर्ट थीं। वह नैनी से रोज 20 किलोमीटर की दूरी तय करी इलाहाबाद विश्वविद्यालय आती थीं और फिर वापस घर जातीं थीं, इसके बावजूद क्लास में कभी उन्हें अनुपस्थित नहीं देखा। बीएससी में पढ़ाई के दौरान ही शिक्त में सिविल सेवा के प्रति काफी झुकाव था।
प्रो. पांडेय का कहना है कि मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले शक्ति और उनकी बहन प्रगति स्वभाव से बहुत ही सरल और संस्कारी छात्राएं रहीं। उनका शिक्षक होने के नाते मैं यही कह सकता हूं कि अगर आप जीवन में अनुशासित हैं तो सफलता जरूर मिलेगी। शक्ति ने सिविल सेवा में ऑल इंडिया टॉप करके न केवल इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बल्कि पूरे प्रयागराज को गौरवांवित किया है।
Courtsy amarujala