इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका 50 हजार रुपये जुर्माने संग खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि अदालत खेल का मैदान नहीं है जिसका इस्तेमाल किसी को परेशान करने के लिए किया जाए।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका 50 हजार रुपये जुर्माने संग खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि अदालत खेल का मैदान नहीं है जिसका इस्तेमाल किसी को परेशान करने के लिए किया जाए।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट की अदालत ने बुलंदशहर निवासी मदनलाल शर्मा की याचिका पर दिया है। याची ने खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बता नगर पालिका परिषद गुलौटी में तैनात दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कृष्ण कुमार गर्ग की नियुक्ति को चुनौती दी थी। परिषद के अधिवक्ता ने दलील दी कि नियुक्ति नियमानुसार है। याची न पीड़ित पक्ष न ही नियुक्ति प्राधिकारी है। लिहाजा उसे याचिका दाखिल करने का विधिक अधिकार नहीं है।
मौजूदा याचिका ब्लैकमेल करने का माध्यम नहीं बन सकती। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए याची पर 50 हजार रुपये हर्जाना लगाया। साथ ही जिलाधिकारी बुलंदशहर को याची से हर्जाना राशि दो माह में वसूल कर सीजेएम को अदा करने का आदेश दिया है।
Courtsy amarujala