कौशांबी की सिराथू तहसील के टीकरडीह गांव में सोमवार सुबह मिट्टी का टीला ढहने से नौ लोग मलबे में दब गए, जिसमें से दो किशोरियों समेत पांच की मौत हो गई। चार घायलों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जिनकी हालत गंभीर है।
कौशांबी के मंझनपुर के टीकरडीह में मिट्टी का टीला ढहने से हुई पांच मौतों के बाद गांव से लेकर मेडिकल कॉलेज और पोस्टमार्टम हाउस तक चीख-पुकार मची रही। बिलखते परिजनों, खून से सने शवों को जिसने देखा, वह दहल गया। हादसे ने पल भर में हंसते-खेलते परिवारों को उजाड़ दिया।
घटना के बाद सभी को तुंरत मेडिकल कॉलेज लाया गया। परिजनों के साथ ही तमाम ग्रामीण भी अस्पताल पहुंच गए। यहां जैसे ही डॉक्टरों ने पांच मौतों की पुष्टि की। मौजूद परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे। सदर कोतवाल संजय तिवारी ने मृतकों को एंबलेंस से पोस्टमार्टम हाउस भिजवाया।

मृतकों के परिजन भी एक-एक कर मोर्चरी आ रहे थे। जैसे ही वह अपनों से मिलते और निगाहें शव की ओर जाती तो चीत्कार से पसरा सन्नाटा एकाएक टूट जाता। मृतका ममता और ललिता के मायके वाले भी पोस्टमार्टम हाउस आ गए थे। सभी एक-दूसरे को गले लगाकर रो रहे थे। यही हाल खुशी और उमा के परिवार था।



बच्चे मां के आने का इंतजार कर रहे थे। मां नहीं आई, मौत की खबर पहुंची। मृतका कछरही भी अपने बड़े बेटे सुग्गन और छोटी बहू मैना देवी के साथ मिट्टी खोदने तालाब गई थी। कछरही की मौत हो गई, बहू-बेटे के जख्मी होने से परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। हादसे में जान गंवाने वाली खुशी ने हाईस्कूल और सुमन उर्फ उमा ने इसी साल इंटर की परीक्षा पास की थी। दोनों छात्राएं आगे के पढ़ाई की तैयारी कर रही थीं। उनके घरों में अब मातम है।




सुबह तकरीबन साढ़े सात बजे अचानक टीला ढह गया। इससे सभी मलबे में दब गए। चीख-पुकार सुन जुटे ग्रामीणों ने आननफानन मलबा हटाकर सभी को बाहर निकाला। इसी बीच कोखराज कोतवाल चंद्रभूषण मौर्या और एसडीएम सिराथू योगेश कुमार गौड़ भी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए।
दो एंबुलेंस से सभी को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने सुनीता देवी, ललिता देवी, कछरही देवी, खुशी, सुमन को मृत घोषित कर दिया। सपना, मैना, सुग्गन उर्फ आक्रोश, लखनी देवी को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। डीएम मधुसूदन हुल्गी ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।