Saturday, July 5, 2025
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देश की रक्षा सर्वोपरि और उससे कोई समझौता नहीं लेकिन कुछ सावधानियां भी जरूरी

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में पर्यटकों की नृशंस हत्या के बाद से अपने देश की सरकार ने जो कड़े फैंसले लेने शुरू किए उससे पूरा देश सरकार के साथ एक जुट होकर सामने आया है। देश की रक्षा के लिए यह अत्यंत आवश्यक था क्योंकि देश के नागरिकों की सुरक्षा एवं उनका आत्मसम्मान सर्वोपरि है। जब कड़े कदम उठाए जाते हैं तब कुछ अमानवीय घटनाएं भी हो जाती हैं। प्रत्येक सभ्य देश की सरकार से यह भी अपेक्षा की जाती है कि ऐसे नाजुक समय के दौरान भी कड़े कदमों पर संवेदनशीलता के साथ अमल कराए। हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संवेदनशीलता के लिए भी जाने जाते हैं। इसलिए भी उनसे अपेक्षा अधिक है।

इस बिंदु पर विस्तार से चर्चा मशहूर साहित्यकार एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी विभूति नारायण राय ने अपने कॉलम में की है। राय की राय नाम से चर्चित यह कॉलम आज ( 6 मई 2025 ) हिन्दुस्तान के संपादकीय पृष्ठ पर ” सुरक्षा और सद्भावना की अग्निपरीक्षा ” शीर्षक से प्रकाशित हुआ है।

बड़ी गंभीरता के साथ लिखा गया पूरा कॉलम पठनीय है।

 

अनंत अन्वेषी

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