यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार गिरि की खंडपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपील पर दिया। हाथरस जिले के सरकारी मॉडल इंटर कॉलेज में कार्यरत सहायक शिक्षक चिदानंद को फर्जी दस्तावेज पर नौकरी पाने के आधार पर पद से हटा दिया गया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जाली दस्तावेज से नौकरी पाए शिक्षक की नियुक्ति रद्द कर दी। कहा, धोखाधड़ी और न्याय साथ-साथ नहीं चल सकते। जो लोग धोखाधड़ी से लाभ प्राप्त करते हैं, न्यायालय के न्यायिक विवेकाधिकार का लाभ उन्हें नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से शिक्षक को पद से हटाने के साथ ही वेतन व अन्य लाभ देने पर भी रोक लगा दी है।