Tuesday, July 8, 2025
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Prayagraj : एडी हेल्थ ने देखीं एसआरएन की व्यवस्थाएं, स्वास्थ्य सेवाओं का लिया जायजा

अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य (एडी हेल्थ) डॉ. नीलम सिंह सोमवार सुबह करीब 11 बजे स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय का निरीक्षण करने पहुंचीं। उन्होंने तीन घंटे से अधिक समय चिकित्सालय में बिताया।

अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य (एडी हेल्थ) डॉ. नीलम सिंह सोमवार सुबह करीब 11 बजे स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय का निरीक्षण करने पहुंचीं। उन्होंने तीन घंटे से अधिक समय चिकित्सालय में बिताया। उन्होंने ट्रॉमा सेंटर से लेकर ओपीडी ब्लॉक, पीएमएसएसवाई बिल्डिंग, पुरानी बिल्डिंग, औषधि भंडार की स्थिति देखी।

वहीं, वार्ड में मरीजों को मिल रहीं स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी लेने के साथ अल्ट्रासाउंड, एमआरआई व सीटी स्कैन का हाल जानने पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने ओपीडी में चिकित्सकों के बैठने, दवाओं की उपलब्धता, सफाई व्यवस्था, एमआरआई व सीटी स्कैन की रिपोर्ट मिलने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई और इस संबंध में रिपोर्ट भी तलब की।

वह सबसे पहले ट्रॉमा सेंटर पहुंचीं, जहां ट्रॉमा ट्राइएज व वार्ड एक के साथ एक्सरे और अल्ट्रासाउंड का निरीक्षण किया। उन्होंने जल्द से जल्द एसी ठीक करने को कहा। इसके बाद वह पुराने ओपीडी ब्लॉक पहुंचीं। यहां पर हृदय रोग व मेडिसिन की ओपीडी का उन्होंने निरीक्षण किया। इस दौरान हृदय रोग विभाग की ओपीडी में दोपहर 12 बजे तक 103 मरीज देखे जा चुके थे।

वहीं, मेडिसिन विभाग की ओपीडी में मात्र 60 मरीज देखे गए थे। इस पर उन्होंने चिकित्सकों से ओपीडी में बैठने का समय पूछा और सख्ती के साथ सुबह आठ बजे से ओपीडी शुरू करने को कहा। इसके बाद वह पीएमएसएसवाई बिल्डिंग का निरीक्षण करने पहुंचीं, जहां पर किडनी रोग विभाग और न्यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी का रजिस्टर चेक किया।

वहीं, उन्होंने सीटी स्कैन का हाल जाना। इसके बाद खराब पड़ी एक्सरे मशीन के बारे में जाना। निरीक्षण में मौजूद उप प्रधानाचार्य डॉ. मोहित जैन ने कहा कि 10 जून तक मशीन शुरू हो जाएगी। एडी चिकित्सा स्वास्थ्य ने अस्पताल में एमआर की इंट्री को बैन करने के लिए जगह-जगह पर पोस्टर लगाने को कहा।

इसके बाद एडी हेल्थ पुरानी बिल्डिंग के औषधि भंडार पहुंचीं। जहां पर दवाइयों की उपलब्धता के संबंध में जानकारी ली। उन्हें पता चला कि 320 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध हैं। मगर, पैरासिटामॉल जैसी दवा मरीजों के अनुरूप मौजूद नहीं हैं। इसके अलावा वार्ड में भर्ती मरीजों की इंडेंट बुक में भी मांग के सापेक्ष दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं।

उन्हें बताया गया कि कुछ दवाइयां उत्तर प्रदेश कॉरपोरेशन से आती हैं और कुछ दवाइयां मेडिकल कॉलेज खरीदता है। कॉरपोरेशन से मात्र 20 फीसदी दवाएं ही उपलब्ध हो पाती हैं। बताया गया कि नौ मई को दवा का ऑर्डर भेजा गया था, लेकिन अभी तक दवाएं नहीं आई हैं। वहीं, रजिस्टर चेक करने पर पता चला कि 13 मई को दवाइयों का ऑर्डर लगाया गया है।

इस पर एडी हेल्थ ने समय से पहले ऑर्डर लगाने को कहा। औषधि भंडार के बाद वह एमआरआई और अल्ट्रासाउंड का निरीक्षण करने पहुंचीं, जहां पर उन्होंने रिपोर्ट मिलने में देरी की समस्या पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हर हाल में मरीजों को समय पर रिपोर्ट उपलब्ध हो जाए। उन्होंने रेडियोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अंजुमन जहां से मरीजों को कब-कब रिपोर्ट दी गई इसका ब्योरा मांगा।

उन्होंने कुल एक्सरे मशीनों की संख्या के बारे में जनना चाहा, इस पर किसी ने दो तो किसी ने तीन बताई। उन्होंने आर्थोपेडिक व टीबी चेस्ट वार्ड का निरीक्षण किया और मरीजों को मिल रहीं स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जाना। निरीक्षण के दौरान एसआरएन अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरबी कमल, उप अधीक्षक गौतम त्रिपाठी, एनेस्थीसिया आईसीयू की विभागाध्यक्ष डॉ. नीलम सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।

 

प्राचार्य व एसआईसी ने ट्रॉमा सेंटर के पास से चार एमआर को पकड़ा

 

सुबह करीब आठ बजे प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरबी कमल और प्राचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा ने एसआरएन अस्पताल परिसर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान ट्रॉमा सेंटर के पास चार एमआर को उन्होंने पकड़ा। चारों एमआर को पुलिस के हवाले कर दिया गया।

 

 

Courtsy amarujala

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