Sunday, September 14, 2025
spot_img
HomePrayagrajPrayagraj: शिक्षक भर्ती को लेकर यूपीईएसएससी पर अभ्यर्थियों का धरना दूसरे दिन...

Prayagraj: शिक्षक भर्ती को लेकर यूपीईएसएससी पर अभ्यर्थियों का धरना दूसरे दिन भी जारी, रात भर बैठे रहे बेरोजगार

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के समक्ष प्राथमिक शिक्षक भर्ती को लेकर बुधवार से जारी धरना प्रदर्शन दूसरे दिन भी प्रदेश अध्यक्ष रजत सिंह के नेतृत्व में जारी रहा। पूरी रात अभ्यर्थी नारेबाजी करते रहे।

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के समक्ष प्राथमिक शिक्षक भर्ती को लेकर बुधवार से जारी धरना प्रदर्शन दूसरे दिन भी प्रदेश अध्यक्ष रजत सिंह के नेतृत्व में जारी रहा। पूरी रात अभ्यर्थी नारेबाजी करते रहे। रात में टॉर्च की रोशनी में अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती हैं तब तक वह यहां से नहीं हटेंगे। परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर सात साल से कोई भर्ती नहीं हुई है। पिछली बार वर्ष 2018 में 69 हजार शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन को दो साल से अधिक समय बीत चुका है लेकिन आयोग को भर्ती के लिए अब तक रिक्त पदों का अधियाचन नहीं मिला है।

अभ्यर्थियों का कहना है कि कुछ दिनों पहले सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया था कि प्राथमिक शिक्षकों के 1.26 लाख रिक्त पदों पर भर्ती होगी लेकिन दो घंटे बाद ही पोस्ट डिलीट कर दिया गया। अभ्यर्थियों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि सात साल बाद भी तय नहीं हो पा रहा कि नई भर्ती कब शुरू होगी। हर साल 2.35 लाख छात्र डीएलएड प्रशिक्षण लेते हैं लेकिन पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद भी नौकरी को लेकर अनिश्चतता बनी रहती है।

सात साल में तकरीबन 16 लाख छात्र डीएलएड कोर्स पूरा करने चुके हैं और नौकरी के लिए भटक रहे हैं। धरना स्थल पर सुबह 10 बजे से ही प्रदेश के कई जिलों से बड़ी संख्या में जुटे छात्रों ने कहा कि इस बार लड़ाई आरपार की होगी। भर्ती पर कोई निर्णय होते तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

अभ्यर्थियों को गुमराह कर रही है सरकार

 

प्रदेश अध्यक्ष रजत सिंह ने कहा कि 2018 के बाद से कोई भर्ती नहीं की गई है। यह तब है जब स्वयं उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 51,112 पद रिक्त होने की बात मानी है।

 

एक आरटीआई के अनुसार 1.73 लाख पद खाली हैं और 2020 में संसद में तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने स्वीकार किया था कि उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के 2,17,481 पद रिक्त हैं। क्या सरकार नहीं देख रही कि बेसिक शिक्षा में गिरावट का सबसे बड़ा कारण शिक्षकों की भारी कमी है। जब से बीटीसी का नाम बदलकर डीएलएड किया गया तब से डीएलएड 2017, 18 व 19 बैच के लगभग पांच लाख योग्य अभ्यर्थियों को एक बार भी शिक्षक भर्ती का मौका नहीं मिला है।

 

Courtsy amarujala

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments