यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने विवेक राज मिश्रा और 84 अन्य कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-बी की ओर से दायर याचिका को निस्तारित करते हुए दिया। याचियों की नियुक्ति वर्ष 2014 में कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-ए के पद पर हुई थी। बाद में वर्ष 2024 में उन्हें कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-बी के पद पर पदोन्नत किया गया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात पुलिस कंप्यूटर ऑपरेटरों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग के शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 2014 बैच के कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-ए (जो वर्तमान में कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-बी के पद पर कार्यरत हैं) की प्रशिक्षण अवधि को उनकी सेवा में जोड़ा जाए। साथ ही जिनकी सेवा 10 वर्ष साल हो चुकी है, उन्हें प्रथम प्रोन्नति वेतनमान के रूप में 4,200 रुपये का ग्रेड-पे दिया जाए। इस संबंध में तीन माह के भीतर नियमानुसार आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने विवेक राज मिश्रा और 84 अन्य कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-बी की ओर से दायर याचिका को निस्तारित करते हुए दिया। याचियों की नियुक्ति वर्ष 2014 में कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-ए के पद पर हुई थी। बाद में वर्ष 2024 में उन्हें कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-बी के पद पर पदोन्नत किया गया। सभी याचिकाकर्ता 10 वर्ष से अधिक की सेवा पूरी कर चुके हैं, लेकिन उन्हें प्रथम वेतनमान ग्रेड-पे 4200 नहीं मिल रहा था और न ही उनकी प्रशिक्षण अवधि को सेवा में जोड़ा गया था। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने दलील दी कि हाईकोर्ट के पूर्व के आदेशों और बाद में जारी शासनादेशों के बावजूद विभाग प्रशिक्षण अवधि को सेवा में नहीं जोड़ रहा है। वहीं, प्रथम प्रोन्नति वेतनमान भी नहीं दिया जा रहा है, जबकि वे इसके हकदार हैं। शासनादेश पांच नवंबर 2014 में यह व्यवस्था है कि सीधी भर्ती के पद पर प्रथम नियुक्ति की तिथि से 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले राज्य कर्मचारियों को प्रथम वेतनमान/ग्रेड-पे प्रदान किया जाएगा। उत्तर प्रदेश कंप्यूटर स्टाफ (नॉन-गजेटेड) सेवा नियमावली के अनुसार कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-ए के पद पर छह वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-बी के पद पर पदोन्नति प्रदान की जानी चाहिए।
विभिन्न जिलों में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों को मिलेगा लाभ
वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम और अतिप्रिया गौतम ने कहा कि हाईकोर्ट के इस फैसले से ललितपुर, झांसी, मऊ, आजमगढ़, भदोही, जौनपुर, कौशाम्बी, प्रयागराज, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, आगरा, कानपुर नगर, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, अलीगढ़, बुलंदशहर और हापुड़ सहित विभिन्न जिलों में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों को लाभ मिलेगा।
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