Sunday, July 20, 2025
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एसआरएन में नई तकनीक से असहनीय दर्द का उपचार शुरू

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से संबद्ध स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन अस्पताल ) में पहली बार अत्याधुनिक रेडियो फ्रीक्वेंसी एबलेशन तकनीक से ट्राईजेमिनल न्यूरालजिया नामक रोग का सफल उपचार किया गया। यह रोग चेहरे के आधे हिस्से में अत्यधिक दर्द और बिजली के झटकों जैसे एहसास के लिए जाना जाता है, जिसे ‘सुसाइड डिजीज’ भी कहा जाता है।

पिछले दिनों एक 23 वर्षीय महिला मरीज, जो पिछले 24 महीनों से इस असहनीय पीड़ा से जूझ रही थी, स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय के न्यूरोसर्जरी विभाग में पहुँची। जांच में पाया गया कि वह ट्राईजेमिनल न्यूरालजिया से पीड़ित है, जिसमें मस्तिष्क की एक नस में गांठ बन जाने से चेहरा झनझनाने लगता है और तेज़ सिर फोड़ देने वाले दर्द का अनुभव होता है, जो किसी भी सामान्य दवा से ठीक नहीं होता। उसे मेडिकल कॉलेज के पेन क्लीनिक में भेजा गया, जहाँ इंटरवेंशनल पेन फिजीशियन डॉ. अभिजीत मोहिते ने उसे देखा। उन्होंने रेडियो फ्रीक्वेंसी एबलेशन प्रक्रिया की सलाह दी। इस तकनीक में फोरामेन ओवेल नामक स्थान से एक विशेष उपकरण दिमाग की उस नस (ट्राईजेमिनल गैन्ग्लियन) तक पहुँचाया जाता है और उसे संज्ञाशून्य कर दिया जाता है, जिससे रोगी को तत्काल राहत मिलती है।

यह प्रक्रिया अब तक महानगरों के विशेष केंद्रों में ही उपलब्ध थी। प्रयागराज में इस तकनीक के पहले सफल उपयोग को मेडिकल जगत में दर्द निवारण के क्षेत्र में एक विशिष्ट उपलब्धि माना जा रहा है।

इस संबंध में एसआरएन अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक एवं एनेस्थीसिया विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. नीलम सिंह ने बताया कि ट्राईजेमिनल न्यूरालजिया जैसी जटिल और कष्टदायी बीमारी का इलाज अब प्रयागराज में संभव हो पाया है। हमारे पेन क्लीनिक की यह उपलब्धि न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे क्षेत्रीय मरीजों को महानगरों पर निर्भरता से भी मुक्ति मिलेगी। यह हमारे चिकित्सकों की दक्षता और समर्पण का प्रतीक है।”

 

 

 

Anveshi India Bureau

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