शहर से देहात तक हो रही बारिश और गंगा-यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी के बीच पहाड़ों में बादल फटने से प्रयागराज के कछारी इलाकों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी करने के बाद कछारी इलाकों में बसे लोगों की चिंता गहराने लगी है।
शहर से देहात तक हो रही बारिश और गंगा-यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी के बीच पहाड़ों में बादल फटने से प्रयागराज के कछारी इलाकों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी करने के बाद कछारी इलाकों में बसे लोगों की चिंता गहराने लगी है।
मध्य प्रदेश में लगातार बारिश जारी है। इसकी वजह से केन, बेतवा आदि नदियां उफान पर हैं। इससे यमुना नदी के जलस्तर में तेज से बढ़ोतरी की आशंका है। प्रयागराज में शनिवार शाम को इसका असर भी दिखने लगा। शाम को यमुना नदी में बढ़ोतरी एक सेमी प्रति घंटा दर्ज की गई हालांकि बीते रोज की अपेक्षा रफ्तार कुछ धीमी रही। फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 79.32 मीटर पहुंच गया है। उधर, नैनी में यमुना नदी का जल स्तर भी 78.83 मीटर से ऊपर चला गया है। सिंचाई विभाग के अफसरों के अनुसार, जलस्तर 79.50 मीटर से ऊपर जाने पर एसटीपी का गेट बंद करना पड़ेगा। अन्यथा, नदियों का पानी शहर में घुसने लगेगा।
4 माह पहले जहां विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ का मेला बसा हुआ था आज वहां सिर्फ बाढ़ का पानी ही पानी दिखाई दे रहा है।