Sunday, July 20, 2025
spot_img
HomePrayagrajदिव्यांगजन मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने की राज्य सलाहकार बोर्ड की छठवीं बैठक...

दिव्यांगजन मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने की राज्य सलाहकार बोर्ड की छठवीं बैठक की अध्यक्षता 

प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने मंगलवार को योजना भवन में आयोजित उत्तर प्रदेश राज्य सलाहकार बोर्ड की छठवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिव्यांगजनों के हितों में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार लगातार गंभीर प्रयास कर रही है।

 

मंत्री कश्यप ने निर्देश दिये कि नगर निकाय क्षेत्रों के सार्वजनिक भवनों, स्थलों, पार्कों, सुलभ शौचालयों आदि को प्राथमिकता के आधार पर दिव्यांगजन अनुकूल बनाया जाए। साथ ही, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों में दिव्यांगजनों को चढ़ने-उतरने में ड्राइवर-कंडक्टर द्वारा सहायता दी जाए और उनके साथ मित्रवत व्यवहार सुनिश्चित किया जाए। शिकायत की स्थिति में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दिव्यांगजन की अधिकता वाले रूटों पर बसों में चार से अधिक सीटें आरक्षित करने पर भी विचार करने के निर्देश दिये।

 

बैठक में विधान परिषद सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी, विधायक देवेंद्र प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव सुभाष चन्द्र शर्मा, राज्य आयुक्त दिव्यांगजन प्रो. हिमांशु शेखर झा समेत अन्य सदस्यगण मौजूद रहे।

मंत्री ने कहा कि राज्य सलाहकार बोर्ड की बैठक प्रत्येक छह माह में अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए तथा सक्षम स्तर के अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित हो। अनुपस्थिति पर स्पष्टीकरण लिया जाए। बोर्ड के निर्णयों का अक्षरशः पालन अनिवार्य होगा।

 

आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग को निर्देशित किया गया कि सभी सरकारी वेबसाइटों को दिव्यांगजन फ्रेंडली बनाया जाए। बताया गया कि अब तक 44 वेबसाइटों को अनुकूल बनाया जा चुका है। बेसिक शिक्षा विभाग को विशेष शिक्षकों की नियुक्ति पर बल देने का निर्देश मिला, जिससे दिव्यांग विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा मिल सके। बताया गया कि नियुक्ति प्रक्रिया प्रगति पर है तथा प्राथमिक विद्यालयों में रैम्प भी बनाये जा चुके हैं। मंत्री ने स्कूल मर्जिंग के दौरान दिव्यांग बच्चों के सर्वे की आवश्यकता बताई और उनके आने-जाने हेतु वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।

 

माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग को दिव्यांग विद्यार्थियों को आरक्षण के अनुरूप निःशुल्क प्रवेश और सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, डॉ. शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ और जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट को मॉडल मानते हुए सभी विश्वविद्यालयों को दिव्यांगजन फ्रेंडली बनाने के निर्देश दिए गए। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के 278 भवनों में से 271 भवनों को दिव्यांगजन फ्रेंडली बनाया जा चुका है। मंत्री ने शेष भवनों को भी शीघ्र सुगम्य बनाने के निर्देश दिए।

 

वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी किश्त के अंतर्गत 10.41 लाख दिव्यांगजनों को पेंशन भेजी जा चुकी है। कुष्ठावस्था पेंशन योजना के तहत 11,671 लाभार्थियों को राशि प्रेषित की गई। कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण योजना में 10,229 उपकरण वितरित किए गए हैं। शल्य चिकित्सा अनुदान योजना के अंतर्गत 165 दिव्यांगजनों को लाभ प्राप्त हुआ है। 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्तियों को यूपीएसआरटीसी की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी जा रही है, जिसका व्यय दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा वहन किया जा रहा है।

 

राज्य में 18 बचपन डे-केयर केंद्रों के माध्यम से 3-7 वर्ष आयु के दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित व मानसिक मंदित बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा दी जा रही है। 16 विशेष विद्यालयों में 1403 विद्यार्थी एवं 5 समेकित विशेष विद्यालयों में 171 छात्र अध्ययनरत हैं। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अंतर्गत सरकारी सेवाओं में पदोन्नति के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान भी प्रभावी ढंग से लागू किया गया है।

 

मंत्री कश्यप ने कहा कि नगर विकास विभाग द्वारा आवंटित दुकानों, विकास प्राधिकरणों और औद्योगिक क्षेत्रों में दिव्यांगजन को प्राथमिकता दी जाए। पीडीएस दुकानों में दिव्यांगजन आरक्षण की स्थिति स्पष्ट की जाए। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 37 के तहत 5 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधानों के अनुपालन पर सभी संबंधित विभागों को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये।

 

प्रदेश में अब तक 15,50,496 यूडीआईडी कार्ड जारी किए जा चुके हैं। जनपदों में विशेष चिकित्सकों की अनुपलब्धता की स्थिति में अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है ताकि 21 प्रकार की दिव्यांगता से पीड़ित सभी व्यक्तियों को लाभ सुनिश्चित हो सके।

 

राज्य आयुक्त प्रो. हिमांशु शेखर झा द्वारा वर्ष 2024-25 में 503 और 2025-26 (अब तक) में 91 शिकायतें प्राप्त हुईं। वर्ष 2025-26 की 58 शिकायतों पर कार्यवाही पूर्ण कर ली गई, 33 लंबित हैं। अधिनियम की धारा 79 के तहत सभी जिलाधिकारियों को ‘अपर आयुक्त’ तथा जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारियों को ‘सहायक आयुक्त’ नामित किया गया है।

 

राज्य आयुक्त की अध्यक्षता में विभिन्न जनपदों में दिव्यांगजनों की समस्याओं के निस्तारण हेतु मोबाइल कोर्ट आयोजित किए गए। मेरठ, सुल्तानपुर, अमेठी, अयोध्या, बाराबंकी, श्रावस्ती, गोण्डा, बहराइच और बलरामपुर में कुल 677 शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया गया।

 

विगत वर्षों में विभाग द्वारा अनेक डिजिटल और प्रशासनिक नवाचार किए गए। स्मार्ट क्लास जुलाई 2022 से संचालन प्रारंभ, जिसमें इंटरएक्टिव बोर्ड, प्रोजेक्टर, माइक आदि उपलब्ध। ई-लर्निंग पोर्टल विशेष शिक्षकों व छात्रों के लिए ऑनलाइन अध्ययन सामग्री और अभ्यास प्लेटफार्म। स्वैच्छिक संस्थाओं के पंजीयन हेतु ऑनलाइन पोर्टल। ऑनलाइन बजट मॉनिटरिंग प्रणाली। कृत्रिम अंग योजना का ऑनलाइन संचालन। ई-ऑफिस प्रणाली का क्रियान्वयन। बचपन डे-केयर सेंटर का ISO प्रमाणीकरण

 

मंत्री कश्यप ने कहा हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश का कोई भी दिव्यांगजन योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। शासन, प्रशासन और समाज की संयुक्त भागीदारी से दिव्यांगजनों के जीवन को सहज, गरिमामय और सशक्त बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

 

 

Anveshi India Bureau

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments