प्रयागराज में बाढ़ का खतरा फिलहाल टल गया है। गंगा और यमुना दोनों ही नदियों के जलस्तर में गिरावट शुरू हो गई है। यमुना में तो चार सेमी प्रति घंटे की दर से गिरावट दर्ज की गई। इससे कछारी इलाके में लोगों ने राहत महसूस की।
प्रयागराज में बाढ़ का खतरा फिलहाल टल गया है। गंगा और यमुना दोनों ही नदियों के जलस्तर में गिरावट शुरू हो गई है। यमुना में तो चार सेमी प्रति घंटे की दर से गिरावट दर्ज की गई। इससे कछारी इलाके में लोगों ने राहत महसूस की। हालांकि, बारिश लगातार जारी है। गंगा और यमुना नदी के जलस्तर में कई दिनों से बढ़ोतरी जारी थी। फाफामऊ में तो जलस्तर 82 मीटर के करीब पहुंच गया था। जबकि, रिवर फ्रंट रोड डूब गया था। इसी के साथ गंगा का पानी बघाड़ा और नेवादा समेत कई मोहल्लों में बस्तियों के नजदीक पहुंच गया था।
बाढ़ की आशंका को देखते हुए लोगों ने सामान भी समेटना शुरू कर दिया था। बघाड़ा में एनी बेसेंट स्कूल को बाढ़ राहत शिविर बनाने के साथ तैयारी शुरू कर दी गई थी। प्रशासन की ओर से भोजन आदि के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई। हालांकि बुधवार का दिन कछारी इलाकों में बसे लोगों के लिए राहत लेकर आया। सिंचाई विभाग के अनुसार यमुना के जलस्तर में गिरावट मंगलवार को ही शुरू हो गई थी। बुधवार की सुबह गंगा के जलस्तर में भी गिरावट दर्ज की गई। शाम चार बजे की रिपोर्ट के अनुसार यमुना में प्रति घंटा तीन सेमी की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, फाफामऊ में गंगा के जलस्तर में 0.50 सेमी प्रति घंटे की गिरावट दर्ज की गई। इस तरह से दोनों नदियों के जलस्तर में कमी से लोगों को फिलहाल राहत मिली है।
मंगलवार को दोपहर करीब सवा दो बजे मां गंगा ने लेटे हनुमान जी को स्नान कराया। देर रात जलस्तर थोड़ा कम हुआ और पानी मंदिर की गेट तक पहुंच गया। हालांकि गर्भगृह में अभी भी पानी भरा हुआ है। मंदिर के आसपास मौजूद दुकानदारों ने बताया कि देर रात करीब ढाई बजे जलस्तर कम हुआ। हालांकि माना जा रहा है कि अभी एक बार फिर मां गंगा लेटे हनुमान जी को स्नान कराएंगीं।