केन, बेतवा समेत अन्य नदियों में लगातार अधिक पानी छोड़े जाने से गंगा-यमुना का जलस्तर बृहस्पतिवार रात से फिर बढ़ने लगा। इससे कछार में बसे लोगों की चिंता बढ़ गई है। ऐसे में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
केन, बेतवा समेत अन्य नदियों में लगातार अधिक पानी छोड़े जाने से गंगा-यमुना का जलस्तर बृहस्पतिवार रात से फिर बढ़ने लगा। इससे कछार में बसे लोगों की चिंता बढ़ गई है। ऐसे में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इसे देखते हुए प्रशासन ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। मंगलवार और बुधवार को गंगा-यमुना के जलस्तर में कमी दर्ज हुई थी। यमुना में दो सेमी प्रति घंटा से भी अधिक रफ्तार से जलस्तर नीचे जा रहा था। बृहस्पतिवार को दिन में भी यह सिलसिला जारी रहा था। इस वजह से बड़े हनुमान मंदिर से पानी निकलने के साथ कछारी इलाके की बस्तियों से भी पानी दूर जाने लगा था, लेकिन रात में दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी का सिलसिला फिर शुरू हो गया।
हालांकि सिंचाई विभाग के अनुसार, जलस्तर में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई। रात आठ बजे की रिपोर्ट के अनुसार नैनी में यमुना के जलस्तर में 0.25 सेमी प्रति घंटे से बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं फाफामऊ में गंगा का जलस्तर स्थिर रहा, लेकिन आगे के आसार अच्छे नहीं हैं। सिंचाई विभाग के अफसरों के अनुसार, केन में 55052 क्यूसेक पानी आ रहा है उसके जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। यमुना में भी बांदा के चिलाघाट पर जलस्तर में बढ़ोतरी जारी रही।