राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी क्षेत्र के धर्म जागरण प्रमुख अभय जी ने कहा कि मृत्यु ही भारतीय सैनिकों का श्रृंगार है। जो डरता नहीं है वह बड़े बड़े काम कर लेता है। उन्होंने कहा कि मेरे मरने के बाद भी अस्थियां भारतीय धर्म,संस्कृति तथा सभ्यता के काम आए, यह भारतीय सैनिकों का आदर्श रहा है। यह बातें स्वयंसेवक संघ के पूर्वी क्षेत्र के धर्म जागरण प्रमुख अभय ने प्रयाग प्रज्ञा संस्थान प्रयागराज की ओर से एक दिवसीय व्याख्यान में आज हिन्दुस्तानी एकेडमी में कहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता उप्र लोक सेवा आयोग प्रयागराज के माननीय सदस्य प्रो हरेश प्रताप सिंह ने की। प्रज्ञा संस्थान प्रयागराज की ओर से ‘आज के वैश्विक परिदृश्य में भारतीय संस्कृति की उपादेयता’ विषय व्याख्यान माला का आयोजन हिन्दुस्तानी एकेडमी किया गया।इस अवसर पर उड़ीसा स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय कोरापुट, उड़ीसा के कुलपति प्रो चक्रधर त्रिपाठी की पुस्तक ‘भारत की सांस्कृतिक विरासत दिव्य: कुंभ भव्य– कुंभ 2025’ का विमोचन हुआ ।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक के पूर्वी क्षेत्र के धर्म जागरण प्रमुख अभय जी थे जबकि अध्यक्षता न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार गिरि ने की।
इस अवसर पर बुद्धिजीवियो एवं विशिष्ट लोगों को सम्मानित किया गया जिसमें डॉ जयराम त्रिपाठी को ‘सरस्वती सम्मान’, डॉ विपिन कुमार को ‘डॉ एम. एस. स्वामीनाथन सम्मान’, डॉ प्रमोद यादव को ‘डॉ एस.आर. रंगनाथन सम्मान’, पुलिस इंस्पेक्टर सर्वे सिंह को ‘प्रयाग गौरव सम्मान’,अखिलेश कुमार मिश्र को ‘सुमित्रानंदन पंत साहित्य सम्मान’ दिया गया। कार्यक्रम में प्रो हरेशप्रताप सिंह सदस्य, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज, प्रो अजीत कुमार सिंह सचिव, हिंदुस्तानी एकेडेमी ,प्रो शैलेंद्र कुमार मिश्र प्राचार्य, एम डी पी जी कॉलेज प्रतापगढ़ रहे। बड़ी संख्या में समाज के बुद्धिजीवी वर्ग और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। इविवि के प्रो किशोर शर्मा, महात्मा गांधी पीजी कॉलेज फतेहपुर से प्रो ओंकार नाथ द्विवेदी, प्रो राजीव मालवीय, प्रो राधा कृष्ण दूबे, डॉ शिवजी मालवीय, डॉ धीरेन्द्र कुमार सिंह, डॉ शैलेश कुमार पांडे आदि रहे। प्रज्ञा संस्थान के अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार मिश्र, सचिव प्रो अशोक कुमार पाण्डे ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
Anveshi India Bureau