Prayagraj Flood News : प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर भले ही आंशिक रूप से कम हो रहा है लेकिन दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शहर के दो दर्जन से अधिक मुहल्ले बाढ़ की चपेट में हैं और 2700 से अधिक लोग बाढ़ राहत शिविरों में रहने के लिए बाध्य हैं। यह स्थिति फूलपुर और करछना तहसील क्षेत्र की भी है।
कछार में बसे लोगों के लिए सिंचाई विभाग की बृहस्पतिवार रात आठ बजे की रिपोर्ट राहत लेकर आई। यमुना नदी में पानी घटने लगा है तो गंगा भी स्थिर हो गई है। हालांकि दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है। इसके अलावा पहाड़ों पर बारिश जारी है। ऐसे में खतरा अब भी बना हुआ है। सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड की ओर से शुक्रवार को सायं चार बजे की बुलेटिन के अनुसार फाफामऊ गंगा में में चार घंटे में आठ सेंटीमीटर जलस्तर कम हुआ है। यहां खतरे का निशान 84.738 है, जबकि जलस्तर 84.27 सेंटीमीटर दर्ज किया गया है। छतनाग में गंगा का जलस्तर 83.16 सेंटीमीटर रिकॉर्ड किया गया है। यहां चारा घंटे में छह सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई है। यमुना नदी का जलस्तर नैनी में 83.74 मीटर दर्ज किया गया है। यहां चार घंटे में 19 मीटर की कमी दर्ज की गई है।
टोंस व पहाड़ों पर बारिश से खतरा
सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता रमेश सिंह का कहना है कि पीछे की तरफ से पानी आना कम हुआ है। ऐसे में शुक्रवार को गंगा के जलस्तर में कमी के आसार हैं लेकिन टोंस नदी में पानी ज्यादा है। इससे चिंता बनी हुई है। टोंस के दबाव के कारण संगम से पानी तेजी से नहीं निकल पा रहा है। टोंस के रुख पर बहुत कुछ निर्भर रहेगा। उधर पहाड़ों पर तेज बारिश जारी है जिससे खतरा बना हुआ है। प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की गई है।