Thursday, October 23, 2025
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Prayagraj Flood Update : घटने लगा गंगा और यमुना का जलस्तर, खतरे के निशान पर पहुंचते ही नदियों की कम हुई रफ्तार

Prayagraj Flood News : प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर भले ही आंशिक रूप से कम हो रहा है लेकिन दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शहर के दो दर्जन से अधिक मुहल्ले बाढ़ की चपेट में हैं और 2700 से अधिक लोग बाढ़ राहत शिविरों में रहने के लिए बाध्य हैं। यह स्थिति फूलपुर और करछना तहसील क्षेत्र की भी है।

कछार में बसे लोगों के लिए सिंचाई विभाग की बृहस्पतिवार रात आठ बजे की रिपोर्ट राहत लेकर आई। यमुना नदी में पानी घटने लगा है तो गंगा भी स्थिर हो गई है। हालांकि दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है। इसके अलावा पहाड़ों पर बारिश जारी है। ऐसे में खतरा अब भी बना हुआ है। सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड की ओर से शुक्रवार को सायं चार बजे की बुलेटिन के अनुसार फाफामऊ गंगा में में चार घंटे में आठ सेंटीमीटर जलस्तर कम हुआ है। यहां खतरे का निशान 84.738 है, जबकि जलस्तर 84.27 सेंटीमीटर दर्ज किया गया है। छतनाग में गंगा का जलस्तर 83.16 सेंटीमीटर रिकॉर्ड किया गया है। यहां चारा घंटे में छह सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई है। यमुना नदी का जलस्तर नैनी में 83.74 मीटर दर्ज किया गया है। यहां चार घंटे में 19 मीटर की कमी दर्ज की गई है।

टोंस व पहाड़ों पर बारिश से खतरा

सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता रमेश सिंह का कहना है कि पीछे की तरफ से पानी आना कम हुआ है। ऐसे में शुक्रवार को गंगा के जलस्तर में कमी के आसार हैं लेकिन टोंस नदी में पानी ज्यादा है। इससे चिंता बनी हुई है। टोंस के दबाव के कारण संगम से पानी तेजी से नहीं निकल पा रहा है। टोंस के रुख पर बहुत कुछ निर्भर रहेगा। उधर पहाड़ों पर तेज बारिश जारी है जिससे खतरा बना हुआ है। प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की गई है।

 

Prayagraj Flood Update Water level of Ganga and Yamuna started decreasing, speed of rivers reduced as soon

बाढ़ से डेढ़ लाख से अधिक की आबादी प्रभावित

बाढ़ की चपेट में डेढ़ लाख से अधिक आबादी आ गई है और हजारों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। बघाड़ा, तेलियरगंज, सलोरी, शिवकुटी, बेली, राजापुर, अंदावा, अशोक नगर के कछारी इलाकों में काफी ऊपर तक पानी आ गया है। इन क्षेत्रों की करीब तीन दर्जन बस्तियां बाढ़ की चपेट में हैं। दो दर्जन से अधिक सड़कें व गलियां पानी से लबालब हैं।

प्रशासन की ओर से खोले गए छह बाढ़ राहत शिविरों में शुक्रवार को शाम चार बजे तक 668 परिवारों के 2700 से अधिक लोग पहुंच गए थे। शिविरों में लोगों के पहुंचने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। वहीं फूलपुर, सोरांव, करछना, मेजा आदि तहसीलों के अंतर्गत 100 से अधिक गांव भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। कई बस्तियों का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट गया है। इसकी वजह से पूरे जिले में 55 नावें और तीन मोटरबोट भी चलाई गई हैं। 

Prayagraj Flood Update Water level of Ganga and Yamuna started decreasing, speed of rivers reduced as soon

प्रभावित मोहल्ले और गांव

सदर तहसील के अंतर्गत कछार मऊ, मऊ सरैया, राजापुर देह माफी, बघाड़ा, नेवादा, बेली कछार, बेली उपरहार, मेहंदौरी, सलोरी, शिवकुटी, म्योराबाद, दारागंज मोहल्ले बाढ़ की चपेट में हैं। फूलपुर सोनौटी, बदरा, लीलापुर, धोकरी, करछना में देहली, भगेसर, सोरांव में फाफामऊ, गंगानगर, मेजा में अमिलिया, झरियारी गांव बाढ़ की चपेट में हैं।

कंट्रोल रूम नंबर

0532-2641577, 0532-2641578, 0532-2641597, 0532-2641598, 1077

 

 

 

Courtsy amarujala
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