अखिल भारतीय दण्डी सन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मश्रम महराज ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास नर्मदा तट पर तीन माह तक चातुर्मास करके वृन्दावन स्थित विश्वनाथ धाम दण्डी आश्रम के लिये आज शिष्यों सहित प्रस्थान किया। उन्होंने भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग से सभी के कल्याण और उन्नति की प्रार्थना किया।
पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मश्रम महराज ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास बिल्लौरा खुर्द में नर्मदा तट पर 10 जुलाई से चातुर्मास शुरू किया था। इस दौरान देश के कोने – कोने से बडी संख्या मे दण्डी संत, महात्मा पहुंचे जो चातुर्मास कर रहे है।
पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मश्रम महराज ने कहा कि चातुर्मास की आदि अनादि काल से परंपरा रही है जिसका आज भी उसी तरह से संत, महात्मा और उनके शिष्य पालन कर रहे है। उन्होंने कहा कि चातुर्मास के दौरान संत, महात्मा अपने आश्रम या किसी पवित्र स्थान पर रहते हुए भगवद भजन करते हुए भण्डारा करते है जिसमे बडी संख्या मे लोग शामिल होकर प्रसाद गहण करते है। उन्होंने कहा कि इस बार चातुर्मास का आयोजन ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास नर्मदा तट हुआ, जहाँ संत, शिष्यों ने मां नर्मदा और मां क्षिपा मे स्नान करते हुए भगवद् भजन करते रहे। यहां पर श्रीमदभागवद् कथा का एवं विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया जिसमें बडी संख्या में क्षेत्रीय लोगों ने शामिल होकर पुण्य लाभ प्राप्त किया।
चातुर्मास का संयोजन श्री श्री 108 स्वामी अवधेश चैतन्य महराज कुंभलगढ, सूरजकुंड, राजस्थान की ओर से किया गया है। स्वामी अवधेश चैतन्य महराज बडी संख्या में शिष्यों सहित एकादशी तक ओकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास नर्मदा तट पर चातुर्मास करेगे और फिर आश्रम के लिए प्रस्थान करेगे।
Anveshi India Bureau