शिक्षा मंत्रालय एवं एनसीईआरटी, नई दिल्ली के निर्देशन में राज्य शिक्षा संस्थान, उप्र, प्रयागराज में राज्य स्तरीय राष्ट्रीय लोकनृत्य प्रतियोगिता का आयोजन सीमैट के सभागार में आज किया गया। प्रतियोगिता में राज्य शिक्षा संस्थान की ओर से एक पेड़ माँ के नाम संकल्पना को मूर्तरूप प्रदान किया गया।
लोकनृत्य प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले 15 जनपदों में प्रथम स्थान राजकीय इण्टर कॉलेज महादेव मेरठ ने प्राप्त किया। द्वितीय स्थान राजकीय कन्या इण्टर कॉलेज इन्दुपुर देवरिया एवं तृतीय स्थान राजकीय इण्टर कॉलेज, पुरकाजी मुजफ्फरनगर ने प्राप्त किया।
राज्य स्तरीय राष्ट्रीय लोकनृत्य प्रतियोगिता में प्रदेश से आये 15 जनपदों की टीमों ने निर्धारित विषय के अन्तर्गत जैसे- लड़के व लड़कियों के लिए समान अवसर, बाल विकास में संयुक्त परिवार की भूमिका, पर्यावरण संरक्षण, मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम एवं किशोरावस्था में परस्पर स्वस्थ व्यवहार विषय पर अपनी – अपनी प्रस्तुति मंच पर प्रस्तुत की।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि उप्र, शिक्षा सेवा
चयन आयोग, प्रयागराज के सचिव मनोज कुमार ने किया । मुख्य अतिथि सचिव मनोज कुमार ने कहा कि हमारी शिक्षा नीति वैविध्यपूर्ण है उसमें बच्चों के सर्वागीण विकास के अनेकानेक अवसर निहित है। उन्होंने कहा कि समाज के मूल्य व उनमें होने वाले क्षरण के निवारण के दृष्टिगत इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले बच्चे अपनी प्रस्तुति से एक स्वस्थ समाज के सन्देश को जनमानस तक फैला सकें।
सचिव मनोज कुमार ने कहा कि समाज के प्रति बच्चों का दृष्टिकोण तर्क संगत हो बच्चे अपने जिम्मेदारियों को समझे और भविष्य में उनका निर्वहन भांलिभाँति कर सके,इसके लिए इस प्रकार की प्रतियोगिता बच्चों में कौशलों का विकास करने में सक्षम है।
विशिष्ट अतिथि एसपी यादव उप शिक्षा निदेशक,शिक्षा निदेशालय, प्रयागराज ने कहा कि लोकनृत्य के माध्यम से बच्चे प्रदेश के सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ा रहे है। समाज की कुरीतियों के बारे में जागरुकता फैलाने के दृष्टिगत अपना संदेश भी लोकनृत्य के माध्यम से प्रसारित कर रहे है।
राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य नवल किशोर ने कहा कि किशोरावय के बच्चे भ्रम की स्थिति से बचे, सही निर्णय लेने में सक्षम हो, आगामी जीवन की चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम हों उनमें रचनात्मकता का विकास हो इस उद्देश्य की प्रतिपूर्ति के लिए लोकनृत्य जैसी पाठ्यसहगामी क्रियाकलाप के माध्यम से बच्चों के अन्दर कौशलों का विकास किया जा सकता है।
जनसंख्या शिक्षा परियोजना समन्वयक अनिल कुमार ने बताया कि सामाजिक समस्याएं कुरीतियों का समाधान करते हुए एक स्वस्थ समाज को कैसे बनाया जा सकता है। इस सन्देश को बच्चे लोकनृत्य की अपनी प्रस्तुति के माध्यम से प्रसारित करेंगे। मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि के साथ प्राचार्य राज्य शिक्षा संस्थान उप्र प्रयागराज नवल किशोर,सहायक उप शिक्षा निदेशक अनिल कुमार जनसंख्या शिक्षा परियोजना टीम के सदस्यगण श्रीमती अनुराधा पाण्डेय, डॉ नीतू शर्मा, अमरनाथ पाण्डेय, श्रीमती ऋचा शुक्ला तथा डॉ जनार्दनसिंह तथा राज्य शिक्षा संस्थान के शोध प्राध्यापक डॉ निहारिका कुमार एवं श्रीमती दीपा मिश्रा, डॉ दीप्ति मिश्रा, श्रीमती शवाना परवीन डॉ पूनम सिंह, डॉ हरेराम पाण्डेय थे। संचालन योगिराज मिश्र ने किया। प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल में श्रीमती मधुरानी शुक्ला, शिवाकान्त प्रसाद तिवारी प्रधानाचार्य, पं दीनदयाल उपा रा माइका कुण्डा प्रतापगढ़ तथा डॉ वन्दना सिंह थी।
Anveshi India Bureau