Monday, September 15, 2025
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आस्था समिति द्वारा “लोकरंग बहार ” कार्यक्रम 

प्रयागराज। भारत की लोक संस्कृति की अलख जगाने का संकल्प लिए आस्था समिति द्वारा “लोकरंग बहार” का भव्य आयोजन रविवार को उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के प्रेक्षागृह में किया गया। लोक कलाकारों ने लोकगीतों एवं लोकनृत्यों की प्रभावपूर्ण प्रस्तुतियों से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।

संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं उ०प्र० लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान,संस्कृति विभाग,लखनऊ के सहयोग से आयोजित “लोकरंग बहार” कार्यक्रम में कलाकारों ने अपने गीतों और नृत्यों की श्रेष्ठ प्रस्तुतियों से वातावरण को उल्लास और उमंग से भर दिया। विभिन्न प्रांतों की प्रस्तुतियों ने “एक भारत श्रेष्ठ भारत” का संदेश दिया। कार्यक्रम का प्रारंभ सुपरिचित लोक नृत्यांगना सपना द्विवेदी के निर्देशन में दुर्गा स्तुति से हुआ। इसके साथ ही सपना द्विवेदी के ग्रुप द्वारा कजरी,बिहू, अरुणाचल प्रदेश के बहुचर्चित लोकनृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोकनृत्य की मनोहारी प्रस्तुतियों में दिव्यांशी साहू,प्रेरणा कुमारी, अनन्या कुमारी, नीतिका यादव,आराधना यादव,श्वेता सिंह,रश्मि ,राधिका,साक्षी, तनिष्का,संस्कृति वर्मा, जाह्नवी वर्मा,प्रत्यूषा कर्मकार, धनिष्ठा,आशुतोष ने भाग लिया।

 

लोकगीत के क्रम में युवा लोकगायिका कीर्ति चौधरी ने पहले एक निर्गुण “रोई रोई बिटिया लिखे लागी चिठ्ठियां, पीठिया के छोटीया निहार” प्रस्तुत किया।साथ ही एक देवी गीत सुनाकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।” हमरी नगरी मइया भरेली खपरिया हो,चुनरिया लहरें ना हो चुनरिया लहरे ना”। आज के इस अनूठे आयोजन में विविध लोकरंगों की बहार रही। गायन के कलाकारों ने अपने सधे हुए स्वर से दर्शकों को आनंदित किया।लोकसंगीत में ख्याति अर्जित कर चुकी रंजना त्रिपाठी ने “जमुनिया के डाल मै तोड़ लाई राजा…” दादरा सुनाकर गायन की कड़ी को आगे बढ़ाते हुये एक और गीत सुनाया “नदिया किनारे मोरा डेरा मसाल जरे सारी रतिया।” इसी क्रम में भोजपुरी गीतों से अपनी साख जमा चुके धर्मेश दीक्षित ने अपने विशेष अंदाज में एक पूर्वी गीत,” बिसरे न होलवा मोहल्लवा ए मितवा” सुनाकर दर्शकों की तालियां बटोरी। धर्मेश ने अपना दूसरा गीत ” दिल्ली, बोम्बे, कलकत्ता चाहे रहिये मसूरी में, संगम के तीरे लागल कुंभ के मेलवा एहो सजनवा हमरे” सुनाकर प्रयागराज में लगने वाले कुंभ के महत्व को समझाया। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित कर चुकी प्रियंका चौहान ने अपने भावपूर्ण स्वर में लोकगीतों की प्रस्तुति से देश की मिट्टी की सोंधी सुगंध का अहसास कराया। प्रियंका ने पहले एक झूमर गीत सुनाया। “पटना से बैदा बुलाई दा , इसके बाद एक सोहर गीत ” अईसन मनोहर मंगल मूरत ” सुनाया। मिर्जापुर की कजरी को बड़ी ही कोमलता से सुनाया रागिनी चंद्रा ने,सावन में गाई जाने वाली कजरी ” बीत जाला बरखा बहार बलम बिना …” सुनाकर प्रेक्षागृह में रोमांच भर दिया।दूसरा गीत ,” पिया हमे बनवाए दा झूलनिया पड़ेला झिर झिर बुंदिया…”सुनकर सावन की याद ताज़ा कर दी। गायन की कड़ी आगे बढ़ाते हुए युवा गायिका ज्योति आनंद ने भाइयों को समर्पित एक ढेरिया गीत ” आवा आवा मोरे बिरना उतारी ढेरिया” सुनाकर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।इसी के साथ ज्योति ने एक निर्गुण गीत ,” बाबा हमके खेले दा नईहरवा दिनवा चारी” सुनाया। लोकगीतों के मनोहारी प्रस्तुतियों में वाद्य कलाकार थे। विनय कुमार ( सिंथेसाइजर ), धर्मेंद्र कुमार ( बैंजो), राजेंद्र कुमार ( ढोलक), प्रशांत भट्ट (ऑक्टोपैड)।

 

कार्यक्रम के सम्मानित अतिथिगणों में श्री उमेश चन्द गणेश केसरवानी ( महापौर ), श्री सुदेश शर्मा ( निदेशक,उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र), श्री बांके बिहारी पाण्डेय ( प्रधानाचार्य, रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कालेज), डॉ. मधुरानी शुक्ला (संगीत विदुषी), श्री अतुल यदुवंशी ( वरिष्ठ लोकनाट्य विद), श्रीमती कल्पना सहाय ( वरिष्ठ संस्कृति कर्मी), श्री उदयचंद परदेसी (वरिष्ठ लोक संगीतकार) थे। आयोजन के अतिथियों ने इस अवसर पर कहा कि लोकगीत व लोकनृत्य केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं बल्कि हमारी सभ्यता, हमारी परंपराओं और हमारी सांस्कृतिक जड़ों का आईना है।लोकरंग बहार जैसे आयोजन भारतीय संस्कृति की विविधता और एकता को उजागर करते हैं और नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का कार्य करते है।कार्यक्रम के दौरान प्रेक्षागृह दर्शकों से खचाखच भरा था। दर्शकों के अनुसार इस प्रकार के आयोजन से उन्हें अपने राज्य की झलक तो मिलती ही है साथ ही वह दूसरे प्रदेशों की परंपराओं और संस्कृति को करीब से समझ पाते है।उनका मानना है कि इस प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन नियमित होते रहने चाहिए जिससे लोककला की यह विरासत सुरक्षित रह सके और आने वाली पीढ़ियां भी इसका आनंद ले सकें।

 

आयोजन के संयोजक श्री पंकज गौड़ ने आयोजन का ब्यौरा और उद्देश्य प्रस्तुत किया।सेट निर्माण पृथ्वी शर्मा,आरिश जमील,आदित्य सिंह ने किया।प्रकाश व्यवस्था अभिषेक गिरी ,पोस्टकार्ड डिजाइन शहबाज अहमद ने किया।फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी अमित शर्मा व कुलदीप कुमार ने की। अतिथियों का स्वागत राखी,नबीला, आशी, रमेश चंद्र, अब्दुल्ला, ज्ञान चंद्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापित संस्था के महासचिव मनोज कुमार गुप्ता ने तथा कार्यक्रम का शानदार संचालन प्रख्यात मंच संचालक संजय पुरुषार्थी ने किया।

 

 

Anveshi India Bureau

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