Monday, December 1, 2025
spot_img
HomePrayagrajUP: कुदरत का करिश्मा... स्वास्थ्य जांच हुई तो लड़की में मिले लड़कों...

UP: कुदरत का करिश्मा… स्वास्थ्य जांच हुई तो लड़की में मिले लड़कों के सारे गुण, किशोरी में मिली दुर्लभ बीमारी

मिर्जापुर निवासी किशोरी (17 वर्ष) को जब लम्बे समय तक मासिक धर्म नहीं आया तो चिंतित परिजन उसे करीब दो महीने पहले अस्पताल के स्त्री रोग विभाग में दिखाने के लिए पहुंचे। यहां किशोरी का अल्ट्रासाउंड साउंड कराया गया। जिसके बाद जो बात सामने आई उससे डॉक्टर भी हैरान रह गए।

जन्म से लेकर किशोरावस्था तक लड़की के रूप में लालन-पालन हुआ लेकिन जब स्वास्थ्य जांच हुई तो सारे गुण लड़कों के पाए गए। स्वरूपरानी अस्पताल में आए इस मामले से चिकित्सक भी हैरान हैं। उन्होंने बताया कि किशोरी में एंड्रोजन इन सेंसिटिविटी सिंड्रोम (एआईएस) के लक्षण हैं, जो एक दुर्लभ आनुवंशिक स्थिति है। यह एक यौन विकार है।

मिर्जापुर निवासी किशोरी (17 वर्ष) को जब लम्बे समय तक मासिक धर्म नहीं आया तो चिंतित परिजन उसे करीब दो महीने पहले एसआरएन अस्पताल के स्त्री रोग विभाग में दिखाने के लिए पहुंचे। यहां किशोरी का अल्ट्रासाउंड साउंड कराया गया तो सामने आया कि वह शारीरिक तौर पर भले ही लड़की है लेकिन अंदर से वह पूरी तरह से लड़का है।

किशोरी के पेट में पुरुषों के अंडकोष भी पाए गए। उसमें बच्चेदानी भी नहीं पाई गई। ऐसे में स्त्री रोग विभाग से इस मामले को यूरोलॉजी विभाग में रेफर कर दिया गया। यहां जब किशोरी का जेनेटिक टेस्ट कराया गया, तो उसमें पुरुषों के 46 एक्स वाई क्रोमोसोम पाए गए जबकि लड़कियों में 46 एक्स एक्स क्रोमोसोम होते हैं। इन सभी जांचों के बाद यह तय हो गया कि किशोरी देखने में भले ही लड़की है पर उसमें लड़कों के सारे गुण हैं।

जांच रिपोर्ट के बाद चिकित्सक और परिजन हतप्रभ रह गए। चिकित्सकों ने बताया कि यह एंड्रोजन इन सेंसिटिविटी सिंड्रोम (एंड्रोजन असंवेदनशीलता सिंड्रोम) नामक दुर्लभ बीमारी है। ऐसे में लड़की की काउंसलिंग मनोरोग विभाग में की गई। यहां पर लड़की ने कहा कि उसका लालन-पोषण लड़की की तरह से हुआ है और वह मानसिक तौर पर लड़की ही है। अब आगे भी वह लड़की ही बनकर रहना चाहती है। परिजनों ने भी इस पर सहमति जताई।

ऐसे में चिकित्सकों ने दूरबीन विधि से किशोरी के पेट से दोनों अविकसित अंडकोष को आपरेशन से बाहर निकाल दिया ताकि आगे चलकर कैंसर का खतरा न पनपने पाए। अब किशोरी को वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अनुभा श्रीवास्तव की तरफ से हार्मोनल थेरेपी दी जा रही है। यह थेरेपी आजीवन चलती रहेगी। वहीं किशोरी को बता दिया गया है कि बच्चेदानी न होने की वजह से वह कभी गर्भवती नहीं हो सकेगी।

एंड्रोजन असंवेदनशीलता सिंड्रोम (एआईएस) एक आनुवंशिक स्थिति है जिसमें शरीर पुरुष हार्मोन एंड्रोजन के प्रति प्रतिक्रिया नहीं करता है। इससे उन व्यक्तियों का आनुवंशिक रूप से पुरुष (एक्स वाई गुणसूत्र) होने के बावजूद बाहरी शारीरिक लक्षण अक्सर महिलाओं वाले होते हैं। एआईएस के दो मुख्य प्रकार हैं- पूर्ण और आंशिक, जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि शरीर एंड्रोजन के प्रति कितनी प्रतिक्रिया करता है।

यह काफी दुर्लभ बीमारी होती है। इसमें शरीर लड़की का होता है मगर गुण लड़के के होते हैं। फिलहाल किशोरी और परिजनों की सहमति से लड़की के पेट से अविकसित अंडकोष को बाहर निकाल लिया गया है। इसके अलावा मरीज को हार्मोनल थेरेपी दी जा रही है। लड़की गर्भवती नहीं हो सकती है। बाकी उसका जीवन सामान्य लड़कियों की तरह रहेगा।  -डॉ. श्रीश मिश्रा, यूरोलॉजी विभाग, एसआरएन अस्पताल।

 

 

Courtsy amarujala
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments