दीवाली पर दो दिनों की आतिशाबाजी के बाद लखनऊ सहित पूरे प्रदेश का वायु गुणवत्ता सूचकांक घातक स्तर पर पहुंच गया है। बच्चों व बुजुर्गों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई है।
दिवाली पर आतिशबाजी के धुएं और धीमी हवाओं के चलते अगले दिन मंगलवार को लखनऊ की हवा का औसत एक्यूआई 250 दर्ज हुआ। यह ऑरेंज जोन में आता है। ऐसी प्रदूषित हवा बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए खराब मानी जाती है। इसके ठीक एक दिन पहले 20 अक्तूबर यानी सोमवार को लखनऊ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 144 दर्ज किया गया था, जो सेहत के लिए तुलनात्मक रूप से बेहतर था। वहीं, बुधवार को 183 एक्यूआई के साथ लखनऊ की हवा की सेहत में थोड़ा सुधार दिखा।
23 से ज्यादा 24 से कम रहा प्रदूषण
बीते वर्ष दिवाली के अगले दिन लखनऊ का एक्यूआई 306 दर्ज हुआ था। वहीं साल 2023 में दिवाली के अगले दिन लखनऊ में एक्यूआई 219 दर्ज किया गया था। यानी पिछले साल 2024 की दिवाली की तुलना में इस साल कम और साल 2023 की तुलना में ज्यादा प्रदूषण रहा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि दिवाली के बाद हर साल लखनऊ की हवा बिगड़ती जा रही है। हालांकि साल-2024 के मुकाबले इस साल एक्यूआई थोड़ी बेहतर रही।
बीते पांच वर्षों में दिवाली के अगले दिन लखनऊ में एक्यूआई का हाल
वर्ष एक्यूआई श्रेणी
5 नवंबर 2021 278 खराब
25 अक्टूबर 2022 246 खराब
13 नवंबर 2023 219 खराब
1 नवंबर 2024 306 बहुत खराब
21 अक्टूबर 2025 250 खराब
सीजन के पहले स्मॉग से फूली बुजुर्गों की सांसें
कई बुजुर्गों का कहना था कि मंगलवार की सुबह लखनऊ के आसमान में घनी धुंध और धुएं की परत और हवा में भारीपन की वजह से सांस लेना मुश्किल था। प्रदूषित हवा की वजह से लोगों की आंखों में जलन और अन्य तकलीफों की शिकायत बढ़ी।
विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली के अगले दिन लखनऊ में छाई धुंध इस सीजन का पहला स्मॉग था। वहीं हवा का रुख पूर्वा होने और तेज धूप के असर से दिन में गर्मी में इजाफा भी हुआ है। कुल मिलाकर दिवाली के बाद से ही बुजुर्गों के लिए मौसम असहज करने वाला है।
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी जेपी मौर्या का कहना है कि राजधानी के एक्यूआई में महज एक दिन में 144 से 250 तक की तेज बढ़ोतरी सिर्फ आतिशबाजी से नहीं, बल्कि अन्य कारणों जैसे वाहन उत्सर्जन और धीमी स्थिर हवा के कारण भी हुई है। उन्होंने बताया कि राजधानी में प्रदूषण को कम करने के लिए बुधवार को लालबाग, गोमतीनगर आदि में विभाग की ओर से पानी का छिड़काव कराया गया है।
विशेषज्ञों की सलाह
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. शैलेश कुमार सिंह का कहना है कि बुजुर्ग और सांस के मरीज सुबह-शाम खुली हवा में टहलने से बचें। मास्क पहनें और बच्चों व संवेदनशील मरीजों को प्रदूषित हवा से दूर रखें।
बुधवार को लखनऊ में एक्यूआई का हाल
बुधवार को लालबाग और तालकटोरा की हवा ऑरेंज जोन में दर्ज की गई। बाकी चार वायु गुणवत्ता मापक स्टेशनों बीबीएयू, गोमतीनगर, अलीगंज और कुकरैल की हवा पीले जोन में रिकार्ड की गई।
लालबाग- 267 – ऑरेंज- बेहद खराब
तालकटोरा – 219 – ऑरेंज- बेहद खराब
गोमतीनगर- 116 – पीला- खराब
अलीगंज- 192 – पीला – खराब
बीबीएयू- 171 – पीला – खराब
कुकरैल – 133 – पीला – खराब