Sunday, November 2, 2025
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मोंथा का असर: यूपी-बिहार में बारिश, एमपी में तापमान गिरा; आंध्र-तेलंगाना और ओडिशा में जानमाल का नुकसान

चक्रवात ‘मोंथा’ कमजोर पड़ने के बावजूद देश के कई राज्यों में भारी तबाही मचा रहा है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। आंध्र में तीन लोगों की मौत हुई, 1.5 लाख एकड़ फसल बर्बाद हो गई और प्रारंभिक अनुमान के अनुसार 5,265 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। तेलंगाना में भारी बारिश से वारंगल और हनमकोंडा में दो हजार लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।

चक्रवात मोंथा लगातार कमजोर हो रहा है, लेकिन इसका असर कई राज्यों में देखा जा रहा है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा में चक्रवात से काफी नुकसान हुआ है। आंध्र प्रदेश में तीन लोगों की मौत हो गई, 42 मवेशी मारे गए और करीब 1.5 लाख एकड़ में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं। तेलंगाना के कई हिस्सों में तेज बारिश जारी है। सूर्यापेट में पेड़ गिरने से बाइक सवार की मौत हो गई। खम्मम जिले में एक ट्रक ड्राइवर के बह जाने की भी खबर है। चक्रवात मोंथा का असर उत्तर भारत के राज्यों पर दिखा।

मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी बारिश जारी है। बृहस्पतिवार को यूपी के अयोध्या, लखनऊ-कानपुर समेत 15 शहरों में रुक-रुक कर बारिश हुई। काशी में बारिश से जलभराव हो गया। मध्य प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। वहीं, भोपाल, इंदौर-उज्जैन में तेज हवा चली। राजस्थान के जयपुर, अलवर, करौली सहित कई जिलों में बृहस्पतिवार सुबह तेज बूंदाबांदी हुई। इससे तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। उधर, नेपाल में चक्रवात ‘मोन्था’ के असर से लगातार बारिश और बर्फबारी हो रही है।

नेपाली मौसम विभाग ने 26 जिलों में बाढ़ और भूस्खलन का अलर्ट जारी किया है। कोशी, मधेश और बागमती प्रांतों की नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ने की आशंका जताई गई है। विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और नदी किनारे के इलाकों से दूर रहने की अपील की है। मौसम विभाग ने यह भी बताया कि अरब सागर के पूर्व-मध्य भाग में एक और निम्न दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। पूर्व-मध्य अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र बीते छह घंटों में पश्चिम की ओर 13 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ा है और अगले 36 घंटे तक इस ओर ही बढ़ेगा।

 

आंध्र प्रदेश : बिजली व्यवस्था बनाए रखने के लिए 11,000 कर्मचारी तैनात

आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव के विजयानंद ने बताया कि चक्रवात मोंथा के दौरान राज्य में बिजली व्यवस्था बनाए रखने के लिए 11,000 से ज्यादा बिजली विभाग के कर्मचारी तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार तक 100% बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी। चक्रवात के समय 9 सबस्टेशन (220 केवी), 4 (400 केवी) और 11 (132 केवी) सबस्टेशनों में दिक्कतें आई थीं, जिन्हें तुरंत ठीक किया गया। भारी बारिश के बावजूद बिजली कर्मचारी लगातार काम करते रहे ताकि लोगों को बिजली की परेशानी न हो। दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि बापतला जिले के एक स्थानीय चर्च में फंसे 15 लोगों को चक्रवात मोंथा के दौरान सुरक्षित बचा लिया गया। मुख्यमंत्री नायडू ने बचावकर्मियों की सराहना की और बचाव अभियान से जुड़ा एक वीडियो भी साझा किया। वीडियो में लोग कमर तक पानी में फंसे दिखे, जिन्हें रस्सी की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया।

चक्रवात ‘मोंथा’ से आंध्र प्रदेश को 5,265 करोड़ का नुकसान

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ से राज्य को करीब 5,265 करोड़ का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि यह प्रारंभिक अनुमान है, और विस्तृत रिपोर्ट जल्द केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री नायडू ने विभिन्न विभागों और क्षेत्रों में हुए नुकसान का ब्यौरा दिया।

उन्होंने बताया कि सड़क एवं भवन विभाग को सबसे अधिक 2,079 करोड़ का, कृषि क्षेत्र को 829 करोड़, बागवानी को 40 करोड़, रेशम उत्पादन को 65 लाख, मत्स्य पालन क्षेत्र को 1,270 करोड़, नगर प्रशासन विभाग को 109 करोड़, जल संसाधन विभाग को 207 करोड़, ग्रामीण जल आपूर्ति को 1.2 करोड़, पंचायत राज विभाग को 9 करोड़ और महिला एवं बाल कल्याण विभाग को 1.52 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। नायडू ने बताया कि भारी बारिश और तेज हवाओं से कई सड़कें टूट गईं, और जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। उन्होंने कहा कि नुकसान का अंतिम आंकड़ा अन्य प्रभावित इलाकों का मूल्यांकन करने के बाद अपडेट किया जाएगा।

 

नेल्लोर, बापटल और प्रकाशम सबसे प्रभावित जिले

मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘मोंथा’ से सबसे अधिक प्रभावित जिले नेल्लोर, बापटल और प्रकाशम रहे, जबकि अनुमानित जगह काकीनाडा में लैंडफॉल नहीं हुआ। मौसम प्रणाली ने अंततः कोनसीमा जिले के अंतरवेदी गांव के पास तट को पार किया। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य के प्रमुख जलाशय अब अपनी क्षमता के लगभग 90 प्रतिशत तक भर चुके हैं, जिनमें करीब 98.5 टीएमसी (हजार मिलियन घन) पानी संग्रहित है।

 

तेलंगाना : वारंगल और हनमकोंडा में 2,000 लोग राहत शिविरों में शिफ्ट

तेलंगाना में मोंथा के प्रभाव से हुई भारी बारिश के बाद वारंगल और हनमकोंडा जिलों में करीब 2,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अधिकारियों के अनुसार, बुधवार की रात से जारी बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव हो गया और वारंगल-हनमकोंडा-काजपेट त्रिशहर क्षेत्र में जनजीवन प्रभावित हुआ। मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने बृहस्पतिवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वारंगल के बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत कार्यों को तेज किया जाए। उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की टीमों और आवश्यक नौकाओं को तुरंत भेजने के आदेश दिए।

 

राजस्थान : बीसलपुर बांध का दूसरा गेट खोला गया

राजस्थान के जयपुर, अलवर, करौली सहित कई जिलों में बृहस्पतिवार सुबह तेज बूंदाबांदी हुई। इससे तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। ग्रामीण इलाकों में धुंध भी छाई है। बीसलपुर बांध का बृहस्पतिवार सुबह 6 बजे दूसरा गेट भी दो मीटर खोल दिया गया। अब दोनों गेट को दो-दो मीटर खोलकर प्रति सेकेंड बांध से बनास नदी में 24040 क्यूसेक पानी की निकासी हो रही है। प्रदेश के 13 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है।

बिहार : 25 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट

बिहार में चक्रवाती तूफान मोंथा का असर देखने को मिल रहा है। पटना, औरंगाबाद, बक्सर और भागलपुर में सुबह-सुबह बारिश हुई। पटना समेत कई जिलों में बादल छाए रहे। मौसम विज्ञान ने 25 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। आकाशीय बिजली का भी अलर्ट है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में अगले तीन दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश होने के कारण दिन का तापमान घटकर 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।

 

यूपी : पूर्वांचल के ज्यादातर जिलों में बारिश का अलर्ट

यूपी के पूर्वांचल के ज्यादातर जिलों में बादल छाए हैं। मौसम विभाग का कहना है कि तूफान का असर 3 दिन यानी 1 नवंबर तक रहेगा। शुक्रवार को पूर्वांचल में भारी बारिश हो सकती है। 31 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश का अलर्ट है। वहीं, काशी, गोरखपुर और बाराबंकी में बेमौसम बारिश से खेतों में पड़ी धान और आलू की फसल पर खराब होने का खतरा मंडराने लगा है। तेज हवा की वजह से कटने को तैयार फसलें गिर गई हैं।

 

 

Courtsy amarujala
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