Arti Singh: गोविंदा के भांजे व कॉमेडियन कृष्णा अभिषेक और अभिनेता की पत्नी सुनीता आहूजा के बीच वर्षों मन-मुटाव रहा। हालांकि, वर्षों पुरानी खटास अब दूर हो चुकी है। हाल ही में सुनीता आहूजा ने खुद यह बात कही। इस पर गोविंदा की भांजी व कृष्णा की बहन आरती का रिएक्शन सामने आया है।
सुनीता आहूजा और गोविंदा के भांजे कृष्णा अभिषेक के बीच कई साल तक बोलचाल बंद रही। एक शो में कृष्णा ने कथित तौर पर गोविंदा को लेकर कोई ऐसी टिप्पणी की थी, जिस पर सुनीता को बुरा लग गया। इसके चलते उनके परिवार और कृष्णा के बीच दूरियां बढ़ गईं। मगर, अब सब ठीक है। सुनीता आहूजा ने हाल ही में स्वीकार किया कि वर्षों पुराना पारिवारिक विवाद अब खत्म हो चुका है। वे कृष्णा अभिषेक से लेकर आरती तक, घर के सभी बच्चों के लिए खुशहाली की प्रार्थना करती हैं। इस पर एक्ट्रेस आरती सिंह ने खुशी जताई है।
सुनीता ने कहा- ‘मैं सब भूल चुकी’
सुनीता आहूजा ने हाल ही में पारस छाबड़ा के पॉडकास्ट में इस बारे में बात की थी। उन्होंने कहा, ‘सब ठीक है. कृष्णा अभिषेक और आरती मेरे बच्चे की तरह हैं। मैं पुराना सब भूल गई हूं’। सुनीता ने कहा कि अब वे नाराज नहीं हैं और सभी के लिए खुशी चाहती हैं। कृष्णा की बहन, आरती सिंह इस बात से खुश हैं। उन्हें उम्मीद है कि फैमिली रिलेशन अब मजबूत हो रहे हैं। यह दिखाता है कि परिवार में गलतफहमियां समय और प्यार से ठीक की जा सकती हैं’।
आरती बोलीं- ‘बहुत खुशी मिली, हम हमेशा उनके बच्चे थे’
आरती सिंह ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा, ‘हां, मैंने वह इंटरव्यू देखा। मैं बहुत खुश हूं। हम हमेशा उनके बच्चे थे और अंदर से मुझे हमेशा पता था कि वह हमसे प्यार करती हैं। इन वर्षों में जो कुछ भी हुआ, आपने मेरी तरफ से कभी कुछ नहीं सुना होगा। मुझे यह सुनकर खुशी हुई कि उन्होंने कृष्णा के बारे में क्या कहा। मैं सच में यह सुनना चाहती थी। उन्होंने बात नहीं की है या कुछ भी नहीं हुआ है, लेकिन मुझे बहुत राहत मिली है कि वह अब उससे नाराज नहीं हैं’।
सभी बच्चों को दिया आशीर्वाद
सुनीता ने हाल ही में परिवार के झगड़े के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्होंने नई पीढ़ी को माफ कर दिया। उन्होंने बताया कि कृष्णा, विनय, डंपी और उनके जेठ के बेटे उनके अपने बच्चों जैसे हैं। सुनीता ने कहा, ‘मैं पुरानी सारी बातें भूल गई हूं। अब मैं बस चाहती हूं कि सभी बच्चे हंसें, खेलें और खुश रहें। मैं सभी को आशीर्वाद देती हूं’।



