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एसआईआरडी में विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण

 

लखनऊ, 13 नवम्बर 2025। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान (एसआईआरडी), बख्शी का तालाब, लखनऊ में विभिन्न सरकारी एवं अर्धसरकारी विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों तथा सामाजिक–रचनात्मक कार्यों से जुड़े लोगों को दक्ष और सक्षम बनाने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। संस्थान के महानिदेशक एल. वेंकटेश्वर लू तथा प्रवर अपर निदेशक सुबोध दीक्षित के प्रशासनिक नियंत्रण में संस्थान परिसर में विविध प्रशिक्षण सत्र आयोजित हो रहे हैं।

 

 

संस्थान द्वारा 10 से 15 नवम्बर तक आयोजित प्रशिक्षणों की श्रृंखला के अंतर्गत केंद्रीय सचिवालय प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान, नई दिल्ली द्वारा स्नातक परीक्षा 2024 के माध्यम से चयनित 279 अधिकारियों में से प्रथम चरण में 74 अधिकारियों को “विलेज अटैचमेंट” विषयक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रतिभागियों को लखनऊ जनपद की तहसीलों, विकास खंडों, कोतवालियों व ग्राम पंचायतों में संचालित प्राथमिक विद्यालय, आंगनवाड़ी, पंचायत भवन, गौशाला तथा अमृत सरोवर जैसे संस्थानों का व्यवहारिक अध्ययन कराया जा रहा है।

इसी क्रम में 10 से 12 नवम्बर तक प्राथमिक विद्यालयों के 100 शिक्षकों हेतु “लर्निंग बाई डूइंग” विषयक प्रशिक्षण आयोजित किया गया। साथ ही 10 से 14 नवम्बर तक जनपद स्तरीय 30 अधिकारियों को “जलवायु परिवर्तन एवं जलवायु जनित आपदाओं के अनुकूलन पर क्षमता संवर्धन” विषय पर विशेषज्ञ प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

 

 

प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दौरान आयोजित विशेष सत्रों में मिशन कर्मयोगी एवं शासकीय सेवाओं में नैतिक तथा मानवीय गुणों के संदर्भ में प्रख्यात शिक्षाविद् एवं पूर्व सदस्य, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग डा. किशन वीर सिंह शाक्य, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ रंजीत रंजन तथा यूनिसेफ, लखनऊ के आपदा विभाग के कार्यक्रम अधिकारियों ने विशिष्ट वार्ताकार के रूप में उपयोगी व्याख्यान दिए।

डा. किशन वीर सिंह शाक्य ने शिक्षा के उद्देश्य, उपयोगिता एवं भारतीय संस्कृति की मौलिकता पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को आदर्श मूल्यों, नैतिकता तथा धैर्य–नवाचार जैसे गुणों को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि “सेन्स ऑफ ओबेडियन्स, सेन्स ऑफ पेसेन्स और सेन्स ऑफ इनोवेशन” ही मनुष्य को खुशियों व सफलताओं की राह दिखाते हैं।

आपदा विशेषज्ञों द्वारा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों और उनके समाधान पर वर्तमान संदर्भ में विस्तृत जानकारी साझा की गई।

अध्यक्षीय उद्बोधन में महानिदेशक एल. वेंकटेश्वर लू ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि अधिकारी व कर्मचारी अपने पद एवं दायित्वों का निर्वहन निष्ठा, लगन व ईमानदारी से करें। उन्होंने कहा कि पद बड़ा या छोटा नहीं होता; जनहित में किया गया कार्य ही व्यक्ति को प्रतिष्ठा दिलाता है। ग्रामीण क्षेत्रों से संबंध रखने वाले कर्मचारियों को आम नागरिकों के प्रति सद्भाव, संवेदनशीलता और सेवा-भाव बनाए रखने की प्रेरणा दी।

उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा, पूर्वजों के आदर्श और ऋषि–मुनियों की शिक्षाओं को आत्मसात करते हुए हमें शासन द्वारा सौंपे गए कार्यों को पूरी प्रतिबद्धता के साथ पूरा करना चाहिए।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. नवीन कुमार सिन्हा ने किया। आयोजन एवं प्रबंधन में उप निदेशक डॉ. नीरजा गुप्ता, सहायक निदेशक सरिता गुप्ता, डॉ. राज किशोर यादव, डॉ. सत्येन्द्र कुमार गुप्ता, संजय कुमार, राजीव कुमार दूबे, डॉ. सीमा राठौर, डॉ. वरुण चतुर्वेदी, संकाय सदस्य धर्मेन्द्र कुमार सुमन, मोहित यादव, डॉ. शिव बचन सिंह यादव तथा सहयोगी कार्मिक उपेन्द्र कुमार दूबे, मो. शहंशाह, मो. शाहरूख सहित अन्य कर्मचारियों का उल्लेखनीय योगदान रहा।

 

 

Anveshi India Bureau

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