बिहार चुनाव के लिए माहौल बनाने में भारतीय रेलवे की महत्वपूर्ण भूमिका रही। चुनाव के पूर्व छठ, दिवाली और दशहरा आदि पर्वों पर रेलवे ने इस बार देश के तमाम राज्यों से रिकॉर्ड संख्या में स्पेशल ट्रेनों का संचालन बिहार के कई शहरों तक किया।
बिहार चुनाव के लिए माहौल बनाने में भारतीय रेलवे की महत्वपूर्ण भूमिका रही। चुनाव के पूर्व छठ, दिवाली और दशहरा आदि पर्वों पर रेलवे ने इस बार देश के तमाम राज्यों से रिकॉर्ड संख्या में स्पेशल ट्रेनों का संचालन बिहार के कई शहरों तक किया। इससे लाखों की संख्या में लोग बिहार स्थित अपने गंतव्य तक पहुंचे।
उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज जोन की बात करें तो एक अक्तूबर से 14 नवंबर तक बिहार जाने वाली स्पेशल ट्रेनों के यहां से तकरीबन 4438 फेरे लगे। स्पेशल ट्रेनों का संचालन अब भी जारी है। खास बात है कि छह पर्व पर प्रयागराज जंक्शन समेत सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर छठी मइया से जुड़े लोकगीतों का भी प्रसारण किया गया। इतना ही नहीं बिहार जाने वाली वंदे भारत ट्रेनों में भी छठ मइया के गीत चले।
इस बीच रेलवे ने त्योहारी सीजन में तमाम राज्यों से बिहार व अन्य स्थानों पर आने-जाने वालों के लिए राउंड ट्रिप टिकट पर 20 प्रतिशत की छूट देने की भी घोषणा की थी। यह छूट उन यात्रियों को मिली जिन्होंने 13 से 26 अक्तूबर के बीच बिहार जाने और 17 नवंबर से एक दिसंबर के बीच लौटने के लिए यात्रा का टिकट एक साथ बुक किया।
रेलवे ने इस स्कीम का फायदा लेने वालों के आंकड़े तो अभी जारी नहीं किए हैं लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि इस स्कीम का लाभ हजारों लोगों ने लिया। यह योजना उन यात्रियों के लिए थी जिन्होंने एक ही ट्रेन और एक ही श्रेणी में आने-जाने दोनों का टिकट एक साथ बुक किया।
बता दें बिहार के प्रवासी श्रमिक और छात्र बड़ी संख्या में दिल्ली, मुंबई, पंजाब, गुजराज और अन्य बड़े शहरों में रहते हैं। चुनाव के दौरान अपने गृह राज्य जाकर मतदान करने और त्योहारी सीजन (दिवाली और छठ) के कारण यात्रियों की भारी भीड़ को प्रबंधित करने के लिए रेलवे द्वारा चलाई गईं स्पेशल ट्रेनों का लाभ इन लोगों ने उठाया।
इन ट्रेनों में आसानी से लोगों को रिजर्वेशन भी मिला। इसके अलावा चुनाव अधिसूचना जारी होने के पूर्व कई अमृत भारत ट्रेनों की सौगात भी बिहार को दी गई। कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अमृत भारत ट्रेन को गरीबों की वंदे भारत ट्रेन कहकर भी प्रचारित किया गया।
त्योहारी सीजन हो या कोई प्रतियोगी परीक्षा। रूटीन ट्रेनों में लंबी वेटिंग होने पर रेलवे स्पेशल ट्रेनों का संचालन करता ही है। इस बार भी काफी संख्या में स्पेशल चलाई गईं। बिहार की ट्रेनों में वेटिंग ज्यादा थी, इस वजह से वहां के लिए अधिक ट्रेनें चलीं। – शशिकांत त्रिपाठी, सीपीआरओ, एनसीआर
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