बिहार चुनाव के नतीजों ने राजनीति को नई दिशा दी है। आने वाले दिनों में इसका व्यापक असर अब यूपी में भी दिखाई दे सकता है। बात करें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की करें तो बिहार चुनाव में पार्टी की ओर से सह प्रभारी की भूमिका उन्होंने बखूबी निभाई।
बिहार चुनाव के नतीजों ने राजनीति को नई दिशा दी है। आने वाले दिनों में इसका व्यापक असर अब यूपी में भी दिखाई दे सकता है। बात करें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की करें तो बिहार चुनाव में पार्टी की ओर से सह प्रभारी की भूमिका उन्होंने बखूबी निभाई।
पार्टी के संसदीय बोर्ड ने मंगलवार को केशव को बिहार में पार्टी विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया है। सियासी मायने में इसके तमाम मायने भी निकाले जा रहे हैं। उनका यह बढ़ता कद यूपी विधानसभा चुनाव के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बिहार चुनाव के नतीजों के बाद 14 नवंबर से एक नाम की खूब चर्चा हो रही है। वह नाम है यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का। केशव को भाजपा ने बिहार चुनाव के लिए वहां का सह प्रभारी बनाया था। चुनाव के दौरान जनसभाओं के अलावा सीटों पर जीत की रणनीति तय करने में उनकी बड़ी भूमिका रही। रिजल्ट में पार्टी की मेहनत साफ दिख रही है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि उन्हें यूपी चुनाव-2027 से पहले भाजपा बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है।
केशव ने पिछड़ी जातियों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बिहार चुनाव के पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें भगवान बुद्ध के अस्थि कलश लेकर रूस भेजकर पहले ही मजबूत संकेत दिया था। उधर,केशव के साथ केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को सह-पर्यवेक्षक बनाया है। बुधवार 19 नवंबर सुबह 10 बजे विधायक दल की बैठक पटना में होगी। भाजपा काशी प्रांत के उपाध्यक्ष अवधेश चंद्र गुप्ता ने बताते हैं कि डिप्टी सीएम को अब तक पार्टी ने जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसका उन्होंने बखूबी निर्वहन किया।
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