Monday, November 24, 2025
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UP: ‘गीता उलझन में फंसे विश्व के लिए समाधान प्रस्तुत करती है…’ लखनऊ में बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन राव भागवत ने कहा कि नैतिक भ्रम, संघर्ष और शांति की कमी से जूझ रहे विश्व के लिए भगवद् गीता कालातीत मार्गदर्शन प्रदान करती है। ये किसी के भी जीवन को परिवर्तित करने की क्षमता रखती है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन राव भागवत ने रविवार को कहा कि नैतिक भ्रम, संघर्ष और शांति की कमी से जूझ रहे विश्व के लिए भगवद् गीता कालातीत मार्गदर्शन प्रदान करती है।

 

लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में रविवार को आयोजित ”दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव” को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य केवल औपचारिकता मात्र नहीं है, बल्कि लोगों को गीता के अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है।

उन्होंने कहा कि हम लोग “गीताजीवी” हैं। भगवद् गीता को अपने जीवन में जीते हैं।

उन्होंने वहां मौजूद स्रोताओं से कहा कि गीता में 700 श्लोक हैं। अगर हर दो सिर्फ दो श्लोक का पाठ किया जाए तो एक वर्ष में ही जीवन गीतामय हो जाएगा।

सीएम योगी बोले, गीता हमें जीवन जीने की ही कला सिखाती है

इसके पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि श्रीमद्भागवत गीता के 18 अध्यायों में वर्णित 700 श्लोक सनातन धर्मावलंबियों के लिए जीवन का मंत्र हैं। हमने धर्म को मात्र उपासना विधि नहीं माना है। यह तो अपनी आस्था के अनुसार तय होती है। वास्तव में धर्म हमारे यहां जीवन जीने की कला है। गीता हमें जीवन जीने की ही कला सिखाती है। हमने कभी भी अपनी श्रेष्ठता का डंका नहीं पीटा। जीयो और जीने की अवधारणा भारत की धरती ने ही विश्व को दी है। वसुधैव कुटुंबकम् की प्रेरणा भी हमने ही दी।

 

 

Courtsyamarujala.com

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