Sunday, December 22, 2024
spot_img
HomePrayagrajउत्थान शम्भुनाथ इंस्टीटूशन्स के 45 छात्रों ने हरिद्वार में औद्योगिक भ्रमण किया 

उत्थान शम्भुनाथ इंस्टीटूशन्स के 45 छात्रों ने हरिद्वार में औद्योगिक भ्रमण किया 

प्रयागराज: उत्थान शम्भुनाथ इंस्टीटूशन्स प्रयागराज के सिविल इंजीनियरिंग, इलेट्रिकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग ने तीसरे और अंतिम साल के 45 छात्रों के लिए औद्योगिक क्षेत्र हरिद्वार में बीएचईएल और देहरादून में भारतीय सर्वेक्षण विभाग का औद्योगिक दौरे का आयोजन करवाया गया। जिसमे सिविल इंजीनियरिंग के 22 छात्र, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के 15 छात्र, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के 05 छात्र तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के 03 छात्र सम्मिलित हुये। इन सभी छत्रो के साथ सभी विभागों से उनके शिक्षक गण भी साथ में रहे जिसमे से प्रमुख रूप से सिविल इंजीनियरिंग के हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट डॉ पवन कुमार प्रजापति, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के श्री कुलदीप कुमार सिंह और श्री मति ज्योति दोहरे, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के श्री राहुल यादव और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के श्री आशीष यादव जी सम्मिलित रहे। सभी छात्रों के साथ इनकी यात्रा शम्भुनाथ गर्ल्स हॉस्टल से बस न. 59 से शुरू हुई। छात्रों का मनोबल बढ़ाने के लिए कॉलेज के हायर अथॉरिटी में से श्री प्रशांत कुमार अवस्थी जी, हेड प्रॉक्टोरियल बोर्ड, श्री राजेश त्रिपाठी जी, ट्रांसपोरशन इंचार्ज, श्री आशुतोष पांडेय जी, डॉ. सन्दर्भ शुक्ला जी, एवं डॉ. दिनेश कुमार जी उपस्थित थे।

सभी छात्र और उनके शिक्षक योग नगरी ट्रैन से हरिद्वार पहुंचकर महाजन भवन में रुकते है। प्रथम दिवस छात्रों को लोकल विजिट करवाई गयी जिसमे से मुख्य रूप से हर की पौड़ी, मंशा देवी मंदिर, लोकल बाजार और भीम गोडा बैराज सम्मिलित थे। अगले दिन छात्रों को  देहरादून ले जाया गया, और भारतीय सर्वेक्षण विभाग का विजिट करवाया गया जहा पर सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों ने देश के डोमेन का पता लगाने, उसके उचित रूप से मानचित्रण तैयार करने में, और त्वरित एवं एकीकृत विकास के लिए आधार मानचित्र प्रदान किये जाने में भारतीय सर्वेक्षण विभाग की भूमिका को जाना। भारतीय सर्वेक्षण विभाग देश का नक्शा बनाती है और भारत के जमीन पर स्थित सभी बिंदुओं का समुद्र तल से ऊंचाई का डाटा बनाकर रखती है जिसका उपयोग हाईवे और रेलवे लाइन के ढलान को सुनिश्चित करने में किया जाता है।

तीसरे दिन छात्रों ने बीएचईएल का औधोगिक भ्रमण किया जिसमे मुख्य रूप से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के बच्चो ने अपने सब्जेक्ट के प्रैक्टिकल ज्ञान को समझा। भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचइएल या भेल) भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग व विनिर्माण क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है। बीएचईएल आज भारत में ऊर्जा संबंधी मूलभूत संरचना क्षेत्र में विशालतम इंजीनियरिंग एवं विनिर्माण उद्यम है। वही बीएचईएल के औद्योगिक दौरे में छात्रों ने कंपनी के पावर (थर्मल, हाइड्रो, गैस, नाभिकिय और सोलार फोटो-वोल्टाइक), ट्रांसमिशन, परिवहन, नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा व एयरोस्पेस, तेल एवं गैस तथा कुछ उभरते क्षेत्र जैसे ऊर्जा भंडारण प्रणाली एवं इलेक्ट्रिक व्हिकल चार्जर आदि क्षेत्रों में ग्राहकों को दिए जाने वाले उत्पादों, प्रणालियों और सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।

अंतिम दिन छात्रों के लिए मनोरम दृश्य के लिए मसूरी ले जाया गया जहा पर छात्रों ने केम्पटी फॉल में नहाया, एन्जॉय किया और फोटोग्राफी किया ।

छात्रों को ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग भी करवाई गयी और कैंप वाटिका में रात में डी जे नाईट का आयोजन करवाया गया।

कैंप वाटिका में रात के १० बजे के बाद बोन फायर किया गया और बच्चो ने रात को यादगार बनाने के लिए अपने अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए अंताक्षरी का आयोजन किया और अपने मोबाइल में उन पालो को कैद किया।

अगले दिन सभी छात्र और शिक्षकों ने हरिद्वार के रेलवे स्टेशन से योग नगरी ट्रैन को पकड़ कर सकुशल प्रयागराज वापस आ गए। इस पूरी यात्रा में छात्रों को सुरक्षित भ्रमण करवाने तथा सकुशल वापस लाने के लिए इंजीनियरिंग विभाग के एचओडी डॉ. पवन कुमार प्रजापति, और शिक्षकों में कुलदीप कुमार सिंह, ज्योति दोहरे, राहुल यादव एवं आशीष यादव छात्रों के साथ मौजूद रहे।

संस्थान के अध्यक्ष डॉ. धीरेन्द्र कुमार तिवारी एवं सचिव डॉ. कौशल कुमार तिवारी ने इस औद्योगिक भ्रमण को छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायक बताया। संस्थान के डायरेक्टर प्रो. (डॉ.) अंशुमान श्रीवास्तव, तथा कोऑर्डिनेटर डॉ. मलय तिवारी ने छात्रों को शुभकामनाये दी।

 

Anveshi India Bureau

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments