Friday, November 22, 2024
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Allahabad Lok Sabha : इलाहाबाद सीट पर भितरघात से मिली पराजय, हाईकमान से होगी शिकायत

प्रयागराज की इलाहाबाद और फूलपुर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा होने के बाद ही तमाम नेताओं में खींचतान बढ़ गई थी। संगठन सर्वोपरि का दावा करने वाली भाजपा में इस बार जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का भी आरोप लगा।

इलाहाबाद सीट पर मिली हार के कारणों की समीक्षा में भाजपा जुट गई है। इस सीट पर हार की वजह भितरघात मानी जा रही है। इस मामले में पार्टी के कई दिग्गजों की भूमिका की शिकायत पार्टी हाईकमान से की जाएगी। 25 मई को हुए मतदान के बाद ही चुनाव प्रभावित करने वाले कुछ दिग्गजों के नाम भाजपा प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी ने हाईकमान तक पहुंचा भी दिए हैं। उधर फूलपुर लोकसभा भाजपा भले ही किसी तरह जीत गई हो लेकिन वहां भी भितरघात के आरोप पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर लगे हैं।

प्रयागराज की इलाहाबाद और फूलपुर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा होने के बाद ही तमाम नेताओं में खींचतान बढ़ गई थी। संगठन सर्वोपरि का दावा करने वाली भाजपा में इस बार जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का भी आरोप लगा।

दोनों ही सीट से काफी संख्या में टिकट के लिए लोगों ने आवेदन किया, लेकिन पार्टी नेतृत्व में निवर्तमान सांसद डा. रीता बहुगुणा जोशी एवं केशरी देवी पटेल का टिकट काटकर इलाहाबाद और फूलपुर लोकसभा से क्रमश: नीरज त्रिपाठी और प्रवीण पटेल पर भरोसा जताया। इसके बाद से ही टिकट न मिलने की नाराजगी तमाम नेताओं ने दिखाई। हालांकि किसी ने सीधे विरोध नहीं किया, लेकिन पर्दे के पीछे से उन नेताओं के भितरघात की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा रहा।

दोनों ही लोकसभा में प्रचार एवं रणनीति बनाने का भी काम पटरी से उतरा नजर आया। भाजपा संगठन की बात करें तो यमुनापार एवं महानगर के पदाधिकारियों ने बैठकें तो बहुत की, लेकिन मतदान के दिन आलम ये था कि यमुनापार के तमाम बूथों पर से भाजपा के बस्ते तक भी दिखाई नहीं दिए। यही हाल शहर के कुछ मुस्लिम बूथों के बाहर दिखा। वहां भी भाजपा के बस्ते नहीं दिखाई दिए।

कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, पूर्व मेयर अभिलाषा, पूर्व मंत्री एवं विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह, निवर्तमान सांसद केशरी देवी पटेल, पूर्व विधायक नीलम करवरिया की भी चुनाव के दौरान सक्रियता कम दिखी। निवर्तमान सांसद डा. रीता बहुगुणा जोशी की बात करें तो टिकट कटने के बावजूद भी उन्होंने नीरज के समर्थन में इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में 44 सभाएं की।

इस बीच भाजपा संगठन के भी तमाम नेताओं ने यहां कैंप किया। गुजरात से हार्दिक पटेल, हरियाणा से सांसद संजय भाटिया, सांसद राधा मोहन अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर आदि ने यहां काफी समय भी बिताया, लेकिन चार जून को जो नतीजे आए वह कहीं न कहीं भाजपा के लिए चौंकाने वाले ही साबित रहे।

इस बीच मतगणना के बाद नीरज अपने कुछ परिचितों से यह भी कहते नजर आए कि उनका चुनाव उज्ज्वल रमण समेत पांच लोगों से था। इसमें चार जो भाजपा के ही शीर्ष नेता हैं जिन्होंने पर्दे के पीछे उन्हें चुनाव हरवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनकी शिकायत भी नीरज ने पार्टी आलाकमान से की है।

 

Courtsyamarujala.com

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