Friday, November 22, 2024
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MNNIT : नए भारत के निर्माण की जिम्मेदारी युवाओं पर, एन नारायण मूर्ति ने टेक्नोक्रेट्स को दिया सफलता का मंत्र

एमएनएनआईटी दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि इंफोसिस के सह-संस्थापक और मानद अध्यक्ष डा. एनआर नारायण मूर्ति ने कहा कि हमारे देश में गरीबी को हटाने का एकमात्र तरीका है कि हम समस्या को पहचानने और हल करने के लिए सक्रिय हों। यह काम पेशेवर युवाओं को अनुशासित होकर कड़ी मेहनत और स्मार्ट तरीके से करना होगा। एक पेशेवर व्यक्ति ही उत्कृष्टता प्राप्त करता है। वह अपनी टीम के साथ पूर्ण तालमेल के साथ काम करता है।

नए भारत के निर्माण की जिम्मेदारी युवाओं पर है। विकासशील भारत को विकसित देश की श्रेणी में लाने के लिए पेशेवर तरीके से काम करना होगा। यह काम अकेले का नहीं, टीम वर्क का है। यह बातें मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के 20वें दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि इंफोसिस के सह-संस्थापक और मानद अध्यक्ष डा. एनआर नारायण मूर्ति ने कही।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में गरीबी को हटाने का एकमात्र तरीका है कि हम समस्या को पहचानने और हल करने के लिए सक्रिय हों। यह काम पेशेवर युवाओं को अनुशासित होकर कड़ी मेहनत और स्मार्ट तरीके से करना होगा। एक पेशेवर व्यक्ति ही उत्कृष्टता प्राप्त करता है। वह अपनी टीम के साथ पूर्ण तालमेल के साथ काम करता है। उन्होंने टीम वर्क का उदाहरण अमेरिकी बास्केटबॉल के दिग्गज माइकल जॉर्डन के शब्दों में कहा कि प्रतिभा खेल जीतती है, लेकिन टीम वर्क चैंपियनशिप जीतती है।

आज के दाैर में बड़ी और जटिल परियोजनाओं को टीम वर्क के माध्यम से हल किया जाता है। किसी भी संगठन के लिए एक पेशेवर का मूल्य उसके सोचने, प्रासंगिक डेटा एकत्र करने, विश्लेषण करने, तार्किक निष्कर्ष निकालने और निर्णायक कार्रवाई करने की क्षमता से आता है। वह कठोर और निष्पक्ष निर्णय लेते हुए अपनी मूल्य प्रणाली को कायम रखते हुए प्रगति हासिल करता है।

अपने लायक एक सपना चुनें, ऐसा कार्य करें की संस्थान को गर्व हो

उन्होंने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश में प्रगति लाने की जिम्मेदारी आप पर और अधिक है कि आपने इस प्रतिष्ठित संस्थान से शिक्षा प्राप्त की है। हमारे अधिकांश नागरिक बुनियादी शिक्षा, आश्रय, स्वच्छ पानी, स्वच्छ हवा, न्यूनतम पोषण और बेहतर स्वास्थ्य से दूर हैं। उनको बेहतर जीवन देने के लिए पेशेवर युवाओं को काम करना होगा। कहा कि एक पेशेवर का पहला कर्तव्य अपने राष्ट्र की प्रगति में योगदान देना है।

आप याद रखें कि भारत में जनसंख्या, पोषण और स्वास्थ्य देखभाल बड़ी चुनौतियां हैं। भारत के पास दुनिया का केवल चार प्रतिशत ताजा पानी है, लेकिन दुनिया की आबादी का 16 प्रतिशत हिस्सा है। कुपोषित बच्चों का प्रतिशत सबसे अधिक भारत में है। हम भारतीय नागरिकों को अपनी जनसंख्या वृद्धि दर को कम करने की दिशा में तेजी से प्रगति करनी होगी। कहा कि आपमें से कुछ लोग विदेश में बस जायेंगे। लेकिन आपका कर्तव्य अपने देश का एक आदर्श, उत्पादक और सम्मानित नागरिक बनना है। इससे आपकी मातृभूमि की छवि ऊंची होगी।

कहा कि मुझे विश्वास है कि आज इस दीक्षांत समारोह में आपने जो दायित्व स्वीकार किया है, उसे आप पूरा करेंगे। कहा कि अपने लायक एक सपना चुनें। ऐसा जीवन जिएं, जिस पर आपकी महान संस्था को गर्व हो। इस दाैरान 60 मेधावियां को गोल्ड मेडल दिया गया। समारोह में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता श्रीवास्तव, संस्थान के निर्देशक प्रोफेसर आरएस वर्मा, कुलसचिव प्रोफेसर रमेश पांडेय, डीन एकेडमिक प्रोफेसर एलके मिश्रा आदि थे।

Courtsy amarujala.com
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