हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के बीच उपजी रार बढ़ गई है। विरोधी गुट के लोगों पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश खरे पर हमला करने का आरोप लगाया गया है। इस पर सचिव विक्रांत पांडे के नेतृत्व में शिकायत करने पहुंचे बार के पदाधिकारियों को मुख्य न्यायाधीश ने बैरंग लौटा दिया। कहा कि बार के झगड़े में अदालत को न खींचें।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसे शुक्रवार दोपहर का बताया जा रहा है। इसमें बार के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश खरे दौड़ते नजर आ रहे हैं। इसके बाद बार एसोसिएशन के पदाधिकारी सचिव विक्रांत पांडे के नेतृत्व में मुख्य न्यायाधीश की अदालत में पहुंच गए। अदालत में पेश होकर विक्रांत पांडे और राजेश खरे ने मुख्य न्यायाधीश से कहा कि अध्यक्ष अनिल तिवारी के साथियों ने उन्हें गेट नंबर पांच पर दौड़ाकर मारने की कोशिश की। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। यह भी कहा कि हमलावर वकालत नहीं करते। हालांकि, अमर उजाला वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
पिछले दो दिनों से बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव समेत अन्य पदाधिकारी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसी दौरान बार के 22 सदस्यों ने गंभीर आरोप लगते हुए अध्यक्ष अनिल तिवारी को एक माह के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव भी पारित कर दिया। वहीं, अध्यक्ष ने वीडियो संदेश जारी कर सफाई दी। कहा कि बिना आधिकारिक बुलावे के बार के कुछ पदाधिकारी दिल्ली गए थे। यात्रा और हाईकोर्ट कैंटीन के नाश्ते के बिल का भुगतान रोक दिया गया, जिससे सभी नाराज हैं।