प्रयागराज। शायरा और कवयित्री संगीता श्रीवास्तव ‘सुमन’ के देवनागरी में प्रकाशित उर्दू ग़ज़ल संग्रह “एक हिस्से में चाँद को रक्खा” का गरिमामय दो सत्रीय विमोचन कार्यक्रम 8 सितम्बर, रविवार को हिन्दुस्तानी अकादमी में संपन्न हुआ।यह कार्यक्रम उर्दू हिन्दी संगम और साहित्यांजलि प्रज्योदि के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ था। आयोजन के प्रथम सत्र की अध्यक्षता प्रोफ़ेसर कल्पना वर्मा ने और द्वितीय सत्र की अध्यक्षता उर्दू के वरिष्ठ शायर जनाब अनवार अब्बास नक़वी ने की। मुख्य अतिथि आकाशवाणी के पूर्व निदेशक श्री लोकेश शुक्ल जी और विशिष्ट अतिथि प्रोफ़ेसर सविता श्रीवास्तव और लोक रंजन पाण्डेय रहे। कार्यक्रम का संचालन उमेश श्रीवास्तव ने तथा स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ०प्रदीप चित्रांशी ने किया। कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्जवलन और माँ सरस्वती वंदना से हुआ। ग़ज़ल संग्रह ” एक हिस्से में चांद को रक्खा है “का लोकार्पण गणमान्य मंचासीन अतिथियों के कर कमलों द्वारा किया गया।
परिचर्चा करते हुए प्रथम सत्र की अध्यक्षता कर रही प्रोफ़ेसर कल्पना वर्मा ने संगीता सुमन को बधाई दी और कहा कि भारत में जन्मी सारी भाषायें भारत की हैं,सभी भाषाओं ने अपने अपने साहित्य के द्वारा राष्ट्र निर्माण और समाज के दिशा निर्देशन का कार्य किया है,यह संग्रह भी उसी श्रंखला की एक कड़ी है। द्वितीय सत्र के अध्यक्ष जनाब अनवार अब्बास नक़वी ने कहा कि भारत विश्व का इकलौता ऐसा देश है जो अनगिनत भाषाओं का जन्म स्थान है। भाषाओं का संबंध बोलने और लिखने वालों से होता। यह बात देवनागरी में प्रकाशित संगीता सुमन के उर्दू ग़ज़ल संग्रह से स्पष्ट है।मुख़्य अतिथि लोकेश शुक्ल ने संग्रह की सराहना की और कहा कि यह संग्रह साहित्य में अपना स्थान प्राप्त करेगा। विशिष्ट अतिथि प्रोफ़ेसर सविता श्रीवास्तव ने परिचर्चा में कहा कि इस संग्रह में संगीता सुमन ने उर्दू के साथ साथ हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषा के शब्दों का बहुत सटीक प्रयोग किया है। उनका यह संग्रह मिली जुली भाषा बोलने वाले पाठकों को भी आकर्षित करेगा। लोक रंजन प्रकाशन के निदेशक रंजन पाण्डेय ने संगीता सुमन को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने बहुत से गम्भीर विषयों,समस्याओं और मुद्दों को अपनी रचना में समेटा है। दोहा सम्राट डाक्टर प्रदीप चित्रांशी ने कहा की संगीता सुमन का संग्रह गंगा जमुनी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है,वह बधाई की पात्र हैं।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मुशायरा एवं कवि सम्मलेन के आयोजन की अध्यक्षता वरिष्ठ और उस्ताद शायर जनाब अनवार अब्बास नक़वी ने की जिस में सर्व प्रथम संगीता सुमन को विशेष तौर से सुना और सराहा गया। जनाब जावेद शोहरत,डा.प्रदीप चित्रांशी,अख़्तर अज़ीज़,एस पी श्रीवास्तव,सुनैना,रुस्तम इलाहाबादी,प्रोफ़ेसर कल्पना वर्मा,प्रियंका त्रिपाठी,राजीव नसीब,प्रोफ़ेसर सविता श्रीवास्तव,शाहिद इलाहाबादी, जलाल फूलपूरी,सुस्मिता सिंह, शाहिद सफ़र,केशव सक्सेना निलिमा शर्मा,नवाब जाफ़र, सविता उपाध्याय,आदि मुशायरा कवि सम्मेलन में सम्मिलित हुए। समाज सेवी शाहिद अस्करी,कैप्टन मेहदी नक़वी,सय्यद सुलेमान,वज़ीर ख़ान,कामरेड ख़ालिद आदि श्रोतागण कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
Anveshi India Bureau