प्रयागराज के धूमनगंज के रम्मन का पूरा में दो बेटियों की हत्या के बाद पिता की खुदकुशी की वजह सोमवार को मिले सुसाइड नोट में सामने आई। बेटियों के हत्यारोपी पिता मनीष प्रजापति (33) ने दूसरे नंबर के भाई अमित और मां की प्रताड़ना से परेशान होकर खौफनाक कदम उठाया। सुसाइड नोट में उसने इन्हीं को जिम्मेदार ठहराया है।
देर रात जांच करने पहुंची पुलिस को तलाशी के दौरान एक सुसाइड नोट मिला। नोट में नीचे मनीष का नाम लिखा था और अंगूठे का निशान लगा था। इसमें लिखा था कि मैं मां गीता और भाई अमित प्रजापति की वजह से अपनी जान देने जा रहा हूं।
पिता की नौकरी के लिए लगातार मुझे परेशान किया गया। पत्नी के बारे में गलत बातें कही गईं। संपत्ति में हिस्सा देने की बात से भी इन्कार कर दिया गया। सुसाइड नोट सामने आने के बाद प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि भाई और मां से परेशान होकर ही युवक ने यह कदम उठाया।
एफएसएल जांच में हैंडराइटिंग का होगा मिलान
पुलिस फॉरेंसिक लैब भेजकर सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग का मिलान करेगी। इसके लिए जल्द पत्नी से बात कर मनीष की हैंडराइटिंग का नमूना भी लिया जाएगा। डीसीपी नगर दीपक भूकर ने बताया कि सुसाइड नोट की फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।
क्या लिखा सुसाइड नोट में?
‘‘मैं मनीष कुमार प्रजापति पुत्र रोशनलाल निवासी रम्मन का पूरा, मां गीता और भाई अमित प्रजापति की वजह से जान देने जा रहा हूं। दोनों ने मिलकर लगातार उसे इसके लिए मजबूर कर दिया। मेरे पिता राजकीय मुद्रणालय सिविल लाइंस में मशीन परिचर पद पर कार्यरत थे। उनकी जगह मृतक आश्रित कोटे में नौकरी प्राप्त करने के लिए अमित ने लगातार एनओसी के लिए परेशान किया। मैंने आज तक इसकी सहमति नहीं दी। लगातार मेरी पत्नी को बदनाम करने की बात की गई। पिता की चल-अचल संपत्ति में हिस्सा देने से भी इन्कार किया गया। इसकी रिकॉर्डिंग भी मेरे पास है। भाई को नौकरी मेरी सहमति के बिना कैसे दे दी गई है, इसकी जांच करने की कृपा करें। अमित ने मेरी बेटी को जबरदस्ती गोद लेने की बात कही है और इसकी भी रिकॉर्डिंग है।’’
पत्नी की तहरीर पर मृतक के खिलाफ भी मुकदमा
मामले में पत्नी संगीता की तहरीर पर मनीष के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। उस पर दो बेटियों की हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। विवेचना में आरोपी की खुदकुशी का तथ्य सामने लाकर मुकदमा बंद किया जाएगा। जबकि, इसी मुकदमे में विवेचना के क्रम में सुसाइड नोट में लिखे तथ्यों के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा की बढ़ोतरी कर संबंधितों का नाम प्रकाश में लाया जाएगा।
यह है पूरा मामला
पेंटिंग व इलेक्ट्रीशियन का काम करने वाले मनीष ने रविवार दोपहर दो बेटियों नैंसी (5) और खुशबू (3) की चाकू से गोदकर हत्या करने के बाद फांसी लगाकर जान दे दी थी। पत्नी संगीता के बाजार से आने के बाद घटना की जानकारी हुई। दरवाजा तोड़ा गया तो मनीष का शव फंदे पर जबकि, दोनों बेटियों के शव जमीन पर पड़े मिले। पत्नी के मुताबिक, रविवार को मनीष घर पर ही था। उसे कपड़े लेने थे, ऐसे में दोपहर करीब एक बजे वह सुलेमसराय बाजार चली गई। लगभग एक घंटे बाद वापस आई तो दरवाजा भीतर से बंद था। कई बार आवाज देने के बाद भी भीतर से कोई जवाब नहीं मिला। फोन भी बंद था। उसके जानकारी देने पर मकान मालिक व अन्य लोग जुट गए।
किसी तरह खिड़की का शीशा तोड़कर देखा गया तो मनीष फंदे पर लटका था। दोनों बेटियां जमीन पर मृत पड़ी थीं। सूचना पर पहले डायल 112 और फिर स्थानीय पुलिस पहुंच गई। एक साथ तीन मौतों की खबर पर फोरेंसिक टीम के साथ डीसीपी दीपक भूकर व कुछ देर बाद एडि. सीपी एन कोलांची भी आ गए। वीडियो रिकॉर्डिंग के बीच दरवाजा तोड़कर पुलिस भीतर दाखिल हुई। जमीन पर मृत पड़ी दोनों बेटियों को चाकू से गोदकर बेरहमी से मारा गया था।