प्रयागराज। शंभूनाथ इंस्टिट्यूशन के तत्वाधान में हिंदी माह के अंतर्गत अखिल भारतीय कवि सम्मेलन शंभूनाथ के सभागार में आयोजित हुआ। संस्थान के अध्यक्ष डॉ.धीरेन्द्र कुमार ने अंग वस्त्रम से सभी कवियों को सम्मानित किया।कवि सम्मेलन का शुभारंभ लखनऊ से पधारी कवियत्री शशि श्रेया ने अपनी वाणी वंदना एवं काव्य पाठ के साथ किया।
उन्होंने पढ़ा, अनुभवों की धुन बनाना गीत गाना आ गया।आंसुओं को नयन के भीतर छिपाना आ गया। जीत लेगा जिंदगी की जंग वो हर हाल में,जिसको सारे दर्द सहकर मुस्कुराना आ गया।डॉ. आभा श्रीवास्तव मधुर ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर डाला। उन्होंने पढ़ा, आस्तीन मत रखना वरना आंख झपकी तो,सांप को भी पलने में देर कितनी लगती है।
प्रख्यात हास्य कवि बाराबंकी से पधारे प्रमोद पंकज ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को भरपूर हंसाया।उन्होंने पढ़ा , मदहोश लीडर नशे में हैँ चूर , न तेरा कुसूर न मेरा कुसूर। तुमने भी पेपर देखा , मैंने भी पेपर देखा , पेपर लीक हो गया रब्बा रब्बा। सिस्टम वीक हो गया रब्बा रब्बा। कवि सम्मेलन के संयोजक संचालक प्रख्यात गीतकार शैलेंद्र मधुर ने अपने गीतों रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर डाला।उन्होंने पढ़ा,जमाना मोहब्बत का दुश्मन है लेकिन,बढ़ाओ कदम मैं तुम्हें चाहता हूं तुम्हारी कसम मैं तुम्हें चाहता हूं । सभी को है गम , मैं तुम्हें चाहता हूं । प्रख्यात हास्य कवि अखिलेश द्विवेदी ने अपनी पंक्तियों से श्रोताओं को आह्लादित कर डाला। उन्होंने पढ़ा , कभी सर्दी, कभी बारिश, कभी दोपहर से गुजरे। नहीं मालूम है हमको कहां किस पहर से गुजरे। अपने जीवन के रंजोगम दबाकर अपने सीने में , लुटाया प्यार ही हमने जहां, जिस शहर से गुजरे।कवि सम्मेलन में छात्र-छात्राएं तथा शहर के गण मान्य लोग उपस्थित रहे।
इस अवसर पर एसआईएम संस्थान के डायरेक्टर व कोऑर्डिनेटर डॉ. मलय तिवारी,एसआईईटी डायरेक्टर डॉ.अंशुमान श्रीवास्तव, एसआईपी डायरेक्टर डॉ. मनोज मिश्रा ,एसआईएल प्रिंसिपल डॉ. रजनी त्रिपाठी,डीन आर एंड डी प्रो.जे.पी मिश्रा,डीन एकेडमिक डॉ. नामीर अल हसन, एस्टेट ऑफिसर प्रो.प्रसांत अवस्थी , पीआरओ विपीन शुक्ला,हेड सीआरसी,प्रो.पंकज तिवारी,असिस्टेंट प्रोफेसर आशुतोष पांडेय आदि उपस्थिथित रहे।
Anveshi India Bureau