Friday, October 18, 2024
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High Court : दावा सास-ससुर को विदेश यात्रा कराने का, भरण-पोषण के लिए अदालत का चक्कर लगा रहीं बेटियां

मामला प्रयागराज के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र का है। नवीन और किरन की शादी 2007 में हुई थी। इसके बाद दोनों अमेरिका चले गए। वहीं, उन्हें दो बेटियां हुईं। 2014 में दोनों भारत आए और नोएडा में संयुक्त नाम से दो फ्लैट खरीदकर रहने लगे। नवीन के माता-पिता भी वहीं आ गए।

सास-ससुर को विदेश यात्रा कराने का दावा करने वाले दामाद की दो नाबालिग बेटियां भरण-पोषण के लिए सात साल से अदालत कर चक्कर लगा रही हैं। परिवार न्यायालय ने 11 लाख 40 हजार रुपये बकाया रकम छह किस्तों में अदा करने का आदेश दिया है। यह आदेश परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश डॉ.बाल मुकुंद की अदालत ने किरन वर्मा की ओर से दाखिल अर्जी स्वीकार करते हुए दिया है।

मामला प्रयागराज के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र का है। नवीन और किरन की शादी 2007 में हुई थी। इसके बाद दोनों अमेरिका चले गए। वहीं, उन्हें दो बेटियां हुईं। 2014 में दोनों भारत आए और नोएडा में संयुक्त नाम से दो फ्लैट खरीदकर रहने लगे। नवीन के माता-पिता भी वहीं आ गए। इसी दौरान नवीन की पुरानी महिला मित्र के बीच मोबाइल पर बातचीत शुरू हो गई। विरोध पर भी नवीन नहीं माना तो पत्नी दो बेटियाें संग प्रयागराज स्थित मायके आ गई।

2017 में किरन ने नवीन, उनके पिता इंद्रदेव वर्मा, मां अनारकली व महिला मित्र के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था। साथ ही जिला अदालत, इलाहाबाद के परिवार न्यायालय में भरण पोषण का मुकदमा भी दायर किया। दहेज उत्पीड़न के मामले में नवीन ने सास-ससुर को अपने खर्चे पर विदेश यात्रा कराने की दलील दी। हाईकोर्ट ने दहेज उत्पीड़न का मामला रद्द कर दिया। लेकिन, 2017 से अब तक किरन अपनी दो नाबालिग बेटियों संग पिता सभाजीत वर्मा के घर रह रही हैं। नवीन लखनऊ में बहुराष्ट्रीय कंपनी में तैनात हैं।

बेटियाें की ओर से दाखलि भरण पोषण का मुकदमा जारी है। पारिवारिक न्यायालय के 12 सितंबर 2017 के आदेशानुसार नवीन को 42000 रुपये प्रतिमाह व 19 जुलाई 2022 के आदेश से 50,000 रुपये प्रतिमाह बेटियों व पत्नी को अदा करना था। इसके खिलाफ नवीन ने हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी, जो 16 अक्तूबर 2023 को खारिज हो गई।

याची किरन वर्मा की दलील है कि 2017 से 2019 तक नवीन ने भरण पोषण की मद में कोई भुगतान नहीं किया। वह पिता के सहारे जीवनयापन कर रही हैं। बेटियां बड़ी हो गई हैं। स्कूल की फीस और अन्य खर्चे बढ़ गए हैं। नवीन की ओर से प्रतिवाद करते हुए दलील दी गई कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन में 26,4000 रुपया अदा किया जा चुका है। पत्नी किरन एमबीए, बीएड जैसी उच्च डिग्रीधारक हैं। वह सोशल मीडिया पर रील्स बनाकर आमदनी कर रही हैं। साथ ही प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती हैं।

कोर्ट ने नवीन की दलीलों को सिरे से खारिज कर किरन वर्मा की भरण पोषण की बकाया राशि की मांग वाली अर्जी स्वीकार कर ली। कोर्ट ने आदेश दिया है कि नवीन वर्मा को भरण पोषण का बकाया 1140000/-रुपये का भुगतान 200000-200000/-रुपये की पांच किस्तों में व शेष 140000/-रुपये छठीं किस्त के रूप में अदा करना होगा। इस दौरान पूर्व निर्धारित 50000/-रुपये की मासिक किस्त का भुगतान भी करते रहना होगा।

ससुर बोले-हवाई यात्रा का खर्च दामाद को वापस किया जा चुका

किरन के पिता सभाजीत वर्मा का कहना है कि 2012 में अमेरिका यात्रा के एयर टिकट का 1,40,000 रुपये दामाद नवीन को वापस किया जा चुका है। भरण पोषण का मुकदमा लंबित रहने के दौरान बेटी के खिलाफ नवीन ने तलाक और गार्जियन एंड वार्ड एक्ट तहत एकतरफा मुकदमा सुल्तानपुर की अदालत मेें दाखिल किया था। हाईकोर्ट के आदेश पर दोनों मामले इलाहाबाद जिला अदालत मेंं नांतरित होने के बाद नवीन ने मुकदमे वापस ले लिया। कोर्ट ने उस पर 20000/-रुपये का हर्जाना भी लगाया।

 

 

 

Courtsy amarujala.com

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